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गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के दादा का शव साबरमती नदी से बरामद

 भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के पिछले दो दिन से लापता दादा संतोख सिंह बुमराह (84) का शव आज यहां साबरमती नदी से बरामद किया गया

गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के दादा का शव साबरमती नदी से बरामद
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अहमदाबाद। भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के पिछले दो दिन से लापता दादा संतोख सिंह बुमराह (84) का शव आज यहां साबरमती नदी से बरामद किया गया और साथ ही जसप्रीत के नाम उनका एक मार्मिक वीडियो संदेश भी सामने आया है।

उनके आत्महत्या करने की आशंका जतायी गयी है।उत्तराखंड के उधमसिंह नगर के किच्छा में रहने वाले बुमराह तीन चार दिन पहले यहां कथित तौर पर जसप्रीत को देखने की इच्छा के साथ आये थे। उनकी जसप्रीत की मां से कथित तौर पर अनबन है। वह यहां साल अस्पताल के निकट गोयल पार्क स्थित जसप्रीत के आवास के बजाय अपनी बेटी यानी जसप्रीत की बुआ रविन्दर कौर के वस्त्रापुर झील के निकट स्थित आवास पर रूके थे।

वस्त्रापुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी एम एम जाडेजा ने बताया कि श्रीमती कौर ने आठ दिसंबर को उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी और कहा था कि वे दोपहर डेढ़ बजे से गायब हैं और उनका फोन भी बंद हैं।

आज उनका शव शहर के बीचो बीच बहने वाली साबरमती नदी के दधिचि पुल के पास से मिला। उनका एक स्थानीय टीवी चैनल से बातचीत का एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें उन्होंने अपने जीवन की अंतिम इच्छा जसप्रीत को एक बार गले लगाने की बतायी है। हालांकि आरोप लगाया है कि उनकी मां उन्हें उनसे मिलने नहीं देती।

उन्होंने जसप्रीत को परिवार और उनका नाम रौशन करने वाला बताते हुए कहा कि वह चाहते हैं कि वह और नाम कमायें। गुजरात रणजी टीम के साथ ही भारत के लिए खेलने वाले बुमराह अभी टीम के साथ होने के कारण अहमदाबाद में नहीं हैं।

बताया जाता है कि अब ट्रक चलाने के धंघे से जुड़े संतोख सिंह की कभी अहमदाबाद में तीन फैक्ट्री थी। 2001 में पीलिया से उनके बेटे और जसप्रीत के पिता जसवीर सिंह का निधन हो गया था। बदकिस्मती से उसके बाद उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गयी और तीनो फैक्ट्री भी बेचनी पड़ी।

वह 2006 में उत्तराखंड के उधमसिंह नगर चले गए, जहां उन्होंने चार ट्रक खरीदे और उसे किच्छा से रुद्रपुर के बीच चलवाने लगे।
एक ट्रक वे खुद भी चलाते थे।जसप्रीत के जिस चाचा के साथ वहां वह रहते थे वे स्वयं भी विकलांग हैं, उनकी दादी की मौत 2010 में हो चुकी है।


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