तालाब को पाट कर नपं ने बना दिया काम्प्लेक्स
जांजगीर ! तालाब को पाट कर काम्प्लेक्स बनाने मे नगर पंचायत के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने कसर नहीं छोड़ी।

सीएमओ एवं अध्यक्ष के विरूद्ध आपराधिक मामला दर्ज कराने अनशन
जांजगीर ! तालाब को पाट कर काम्प्लेक्स बनाने मे नगर पंचायत के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने कसर नहीं छोड़ी। जनप्रतिनिधियो और अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ नगर के एक समाज सेवी मे अपनी जान देकर तालाब को बचाने की योजना बनाई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन से तालाब को संरक्षित करने की मांग को लेकर आमरण अनशन किया। अनशन की सूचना मिलते ही अधिकारियों में हडकंप मच गया और आनन-फानन में तहसीलदार ने तालाब में नगर पालिका द्वारा किए गए कार्यो को जांच कराने और उचित कार्रवाही का भरोसा दिला कर अनशन समाप्त कराया।
बलौदा नगर पंचायत के बस स्टैण्ड के सामने गांधी चौक स्थित 4 एकड़ का बिलकपुर तालाब इन दिनो अखाड़ा बन गया है। इस तालाब को नगर वाले निस्तारी की अन्य तलाबो को भरने के लिए के लिए उपयोग करते थे। लेकिन नगर पंचायत के सीएमओ और अध्यक्ष के साथ पार्षदो ने इस तालाब को पाट कर व्यापारियों को दे दिया और बाकायदा 2 हजार रुपए की रसीद देकर तालाब को समतलीकरण करने का निर्देश दिया। तालाब के पटने और अतिक्रमण होने से बिलकपुर तालाब से अन्य तीन तालाबो को भरने वाला नाला बंद हो गया। साथ ही किसानो की फसल में सिंचाई के लिए उपयोग होने वाला नाली भी बंद कर दिया गया। इसकी शिकायत नगर के अधिवक्ता और समाजसेवी माधव सराफ ने उच्च अधिकारियों से की और एसडीएम ने जांच के आदेश भी दिए। लेकिन आदेश का आज तक पालन नहीं हो सका और तालाब को पाटने वालो का हौसला बुलंद हो गया। वही नगरीय प्रशासन मंत्री के प्रवास के दौरान उन्हे भी अंधेरे मे रख कर काम्प्लेक्स निर्माण के लिए 2 करोड़ रूपए स्वीकृत करा लिए। इतना ही नहीं नगर पंचायत ने शासन की राशि से बने सामुदायिक भवन को व्यक्ति विशेष को सौप कर अपना दुकान सजा लिया गया है और उस सामुदायिक भवन को निजी संपत्ति की तरह उपयोग किया जा रहा है। नगर की समस्याओं को लगातार उच्च अधिकारियों को बताने के बाद भी कोई कार्रवाही नहीं होने से माधव सराफ ने आज आमरण अनसन शुरू कर दिया और इस मामले मे दोषी नगर पंचायत के सीएमओ एवं अध्यक्ष सहित पार्षदो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए बिलकपुर तालाब को मुक्त कराने की मांग की। माधव सराफ के आंदोलन को सुनने के बाद अकलतरा तहसीलदार और नगर पंचायत के सीएमओ मौके में पहुंचे और माधव सराफ की शिकायतो को मौके मे जाकर परीक्षण किया। साथ ही इस मामले मे दोषियो के खिलाफ कार्रवाही का आश्वासन देते हुए अनसन समाप्त करने की समझाईश दी।
सीएमओ पर लगाया आरोप
अनशन समाप्त कराने पहुंचे तहसीलदार सागर सिंह राजपूत के सामने माधव शराफ नगर पंचायत के सीएमओ पर मनमानी करने का आरोप लगाया। साथ ही नगर पंचायत के पार्षदो द्वारा ठेकेदारी कर शासन की योजनाओ का दुरूपयोग करने की शिकायत की। उन्होंने साफ तौर पर बिलकपुर तालाब में हुए भ्रष्टाचार को दिखाते हुए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री द्वारा तालाबो के संरक्षण के लिए किए गए आह्वान को अधिकारियों द्वारा ठेंगा दिखाने का आरोप लगाया है।
7 दिनों के भीतर होगा सीमांकन
अनशन को समाप्त कराने पहुंचे अकलतरा तहसीलदार ने स्वीकार किया कि बिलकपुर तालाब को ही पाट कर व्यावसायिक दुकान बनाया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए 7 दिनो के भीतर तालाब का सीमांकन कर जांच कार्रवाही पूर्ण करने का निर्देश सीएमओ को दिया गया। सामुदायिक भवन को निजी हाथ से वापस लेकर नगर पंचायत के माध्यम से जरूरत मंदो को सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए है।
अध्यक्ष ने तालाब मानने से किया इन्कार
तालाब पाट कर दुकान लगवाने के मामले मे नगर पंचायत के अध्यक्ष और सीएमओ ने एक सुर में अपना पक्ष रखते हुए निर्माण स्थल को तालाब मानने से इन्कार करते हुए उक्त स्थान को बदबूदार डबरी बताते हुए कचरा डंप होने का स्थान होना बताया। साथ ही उस कचरे के उपर मुरूम डाल कर समतलीकरण कराने और यातायात के साथ पार्किंग की समस्या को दूर करने की बात कही। उन्होने माधव सराफ के आंदोलन को निजी स्वार्थ में किए जा रहा दिखावा बताया।


