प्रभारी प्राचार्य पर मनमानी का आरोप,चहेतों को लाभ पहुंचाने कर दी नियुक्ति
जांजगीर ! उच्च शिक्षा विभाग के नियमानुसार चालू सत्र में जिन महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर कक्षाएँ संचालित हैं वहां स्वीकृत प्रोफेसर पद के विरुद्ध यू. जी. सी. द्वारा

जांजगीर ! उच्च शिक्षा विभाग के नियमानुसार चालू सत्र में जिन महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर कक्षाएँ संचालित हैं वहां स्वीकृत प्रोफेसर पद के विरुद्ध यू. जी. सी. द्वारा निर्धारित मानदण्ड अनुसार एम.फिल, नेट, सेट और पी.एच.डी. वालों को प्राथमिकता देते हुए मेरिट के आधार पर अतिथि व्याख्याता की नियुक्ति की जानी है, किन्तु शा.महावि.हसौद जिला जाँजगीर-चाम्पा के प्रभारी प्राचार्य डॉ.पी.डी.महंत शासन के नियमों को दरकिनार कर अपने चहेतों को लाभ पहुँचाने की नियत से बिना विज्ञापन जारी किये गुपचुप तरीके से हिन्दी और अंग्रेजी विषय में प्राध्यापक पद के विरुद्ध एक-एक फ्रेशर की नियुक्ति कर दिये हैं।
हिन्दी विषय में नियुक्त श्रीमती गीतांजली सोनी एवं अंग्रेजी विषय में नरुल होडा जो पूर्व में जैजैपुर महाविद्यालय में जनभागीदारी शिक्षक के रुप में सेवाएं दे रहे थे उन्हें हसौद महाविद्यालय में सीधे प्राध्यापक पद के विरुद्ध अतिथि व्याख्याता के रुप में नियुक्त कर दिया गया है। चूँकि डॉ.महंत दोनो महाविद्यालय के संयुक्त प्रभार पर है इसलिए यह कार्य उनके द्वारा गुपचुप तरीके से बड़ी आसानी से कर लिया गया है। जबकि क्षेत्र में हिन्दी अंग्रेजी विषय पर एम.फिल नेट, सेट और पी.-एच.डी. धारक अभ्यर्थी मौजूद हैं। विज्ञापन के विषय में पूछे जाने पर कार्यालय के कर्मचारियों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि हिन्दी और अंग्रेजी विषय पर प्रध्यापक पद के विरुद्ध अतिथि व्याख्याता हेतु विज्ञापन जारी ही नहीं की गयी है। अतिथि व्याख्याता चयन समिति के संयोजक प्रो.श्रीमती अनिता उरांव से दूरभाष पर चर्चा की गयी। उन्होंने इसके विषय में कोई जानकारी नहीं होने की बात कही। उक्त संबंध में सूचना के अधिकार के तहत कार्यकत्र्ताओं द्वारा जानकारी मांगे जाने पर प्रभारी द्वारा गोल-मोल जवाब दिया जा रहा है। मेरिटधारियों द्वारा उच्च अधिकारियों को तत्संबंध में पत्र प्रेषितकर विधिवत प्रक्रिया का पालन कराये जाने हेतु आह्वान की गयी है। शिकायत होने के पश्चात् आनन्-फानन में भौतिक और रसायन विषय पर महाविद्यालय के सूचना पटल पर विज्ञापन चस्पा की गयी है। कार्यालयीन जानकारी के अनुसार हिन्दी और अंग्रेजी विषय पर पहले से ही दो-दो अध्यापक कार्यरत हैं, ऐसे में उन्हीं विषयों में एक-एक और व्याख्याताओं को जल्दबाजी में नियुक्त कर देना संदेहास्पद है, जबकि जीवविज्ञान और समाजशास्त्र जैसे कठिन विषयों के लिए जनवरी से एक भी अध्यापक नहीं है, जिस पर प्राचार्य द्वारा अतिथि व्याख्याता की नियुक्ति हेतु कोई प्रयास नहीं किया गया। हिन्दी अंग्रेजी विषय पर उक्त नियुक्ति पर चयन समिति से अनुमोदन भी प्राप्त नहीं की गयी है। सूक्ष्म जाँच से सारे रहस्यों से पर्दा उठने की संभावना है।
पुन: विज्ञापन जारी की गई
सूचना पटल में विज्ञापन चस्पा की गयी थी, जिसमें हिन्दी और अंग्रेजी में एक-एक आवेदन प्राप्त हुए, जिन्हें ही नियुक्ति दे दी गयी है। भौतिक और रसायन की पुन: विज्ञापन जारी की गयी है।
डॉ.पी.डी. महंत
प्रभारी प्राचार्य
शा.महाविद्यालय, हसौद
जानकारी नहीं
मुझे इस विषय में कोई जानकारी नहीं है। प्राचार्य ही जानें, आप उनसे ही बात करें।
प्रो. श्रीमती अनिता उरांव
संयोजक अतिथि व्याख्याता चयन समिति
शा.महाविद्यालय हसौद


