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चांपा जंक्शन में सुरक्षा मानकों का नहीं हो रहा पालन

जांजगीर-चांपा ! रायपुर रेल्वे स्टेशन के बाहर वाहनों के पार्किंग में दो दिन पूर्व हुई भीषण आगजनी के बाद अब अन्य रेल्वे स्टेशनों की व्यवस्था रेल प्रशासन ने खंगालनी शुरू कर दी है।

चांपा जंक्शन में सुरक्षा मानकों का नहीं हो रहा पालन
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दुर्घटना की स्थिति में स्थानीय प्रशासन की ओर पड़ सकता है मुंह ताकना
रायपुर में हुई दुर्घटना के बाद स्थानीय यात्री कर रहे मांग

जांजगीर-चांपा ! रायपुर रेल्वे स्टेशन के बाहर वाहनों के पार्किंग में दो दिन पूर्व हुई भीषण आगजनी के बाद अब अन्य रेल्वे स्टेशनों की व्यवस्था रेल प्रशासन ने खंगालनी शुरू कर दी है। देखा जाये तो जिले के चांपा रेल्वे जंक्शन में भी सुरक्षा मानकों के अनुरूप व्यवस्था नाकाफी है। इसकी मांग स्थानीय यात्री करने लगे है। स्टेशन परिसर के बाहर दो-दो वाहन स्टैण्ड में सुरक्षा व्यवस्था कुछ भी नहीं है। इतना ही नहीं स्टेशन के बाहर राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरने और दोनों के बीच का फासला चंद मीटर होने की वजह से यहां भीड़-भाड़ 24 घंटे बनी रहती है। ऐसे में कोई हादसा होने की दशा में नुकसान का अनुमान लगा पाना मुश्किल है।
चांपा जंक्शन के साइकिल स्टैंड में भी आगजनी ने निपटने के कोई इंतजाम नहीं हैं। ऐसी घटना होने पर रेलवे पूरी तरह नगरपालिका पर निर्भर है, जबकि फायर ब्रिगेड को पालिका से रेलवे स्टेशन आने में कम से कम 15 से 20 मिनट का समय लगेगा। इतनी देर में बड़ा नुकसान हो सकता है। इसके अलावा परिसर के बाहर स्टैंड में फैली अव्यवस्था भी खतरे को बढ़ा रही है। रेलवे स्टेशन चांपा में दो वाहन स्टैण्ड संचालित हैं। एक स्टैण्ड केवल चंद समय वाहन पार्किंग करने के लिए संचालित किया जा रहा है तो दूसरा स्थायी वाहन स्टैण्ड है, जहां अव्यवस्थाओं का आलम है। भीषण गर्मी से लेकर तेज बारिश में खुले आसमान के नीचे गाडिय़ां खड़ी रहती हैं। सबसे ज्यादा खतरा गर्मी के मौसम में रहता है। तापमान 43.45 डिग्री पहुंचने पर सूर्य की तेज किरणों से गाडिय़ों में आग लगने का खतरा होता है। गाडिय़ों में पेट्रोल रहता है। रायपुर में हुई दुर्घटना जिसमें एक साथ 230 गाडिय़ां इसी कारण जलकर खाक हो गई। इसके साथ ही अब अन्य स्टेशनों की व्यवस्था दुरूस्त करने की मांग उठने लगी है। चांपा भी इस खतरे से बाहर नहीं है। यहां दोनों स्टैंड में आग बुझाने का इंतजाम नहीं है। स्टेशन में फायर ब्रिगेड के कुशल कर्मचारी तो दूर दमकल वाहन ही उपलब्ध नहीं है। ऐसे में किसी भी दुर्घटना की स्थिति में रेल प्रशासन को स्थानीय प्रशासन व पुलिस की ही मदद की दरकार पड़ेगी। जिसके पहुंचने में स्वाभाविक रूप से समय लगेगा। बेहतर तो यही है कि स्टैण्ड ठेेकेदार को अनुबंद्ध के दौरान दी गई शर्तों के अनुपालन की पुख्ता जांच रेल प्रशासन को करा लेनी चाहिए। ताकि अप्रिय स्थिति से पहले ही उससे निपटने का इंतजाम हो सके। रायपुर में हुई घटना के बाद चांपा के स्टैण्ड में वाहन रखने वालों को इस बात की चिंता सताने लगी है कि यहां उनकी गाडियों कितनी सुरक्षित है। अगर रायपुर जैसी घटना होती है तो उनकी गाडियों का क्या हाल होगा।
वाहन मालिकों को भी रखना होगा ध्यान
भीषण गर्मी को लेकर पेट्रोलियम से चलने वाले वाहनों के आवश्यक रख-रखाव को लेकर पेट्रोलियम विभाग द्वारा कुछ सुरक्षा उपायों की अपील की जा रही है। खासकर पेट्रोल भराते समय अपनी वाहन की टंकी आधी खाली रखने कहा जा रहा है। ताकि पेट्रोल के भाप के लिए टंकी में जगह बची रहे। इसी तरह अपने वाहनों का बीमा तथा स्टैण्ड में वाहन रखते समय स्टैण्ड मालिक से पर्ची लेना न भूले। अक्सर लोग हड़बड़ी में वाहन स्टैण्ड खड़ी कर बिना पर्ची लिये चले जाते है। ऐसे लोगों को दुर्घटना के स्थिति में क्लेम करना मुश्किल साबित होता है।


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