देवी मंदिरों में घट स्थापना के साथ जगमगाए आस्था के दीप
जांजगीर ! चैत्र नवरात्रि का मंगलवार को आगाज हुआ। शक्तिपीठो व देवी मंदिरो में आस्था की ज्योति कलश जगमगा उठी। 9 दिनों तक चलने वाला देवी आराधना के इस पर्व को लेकर आज सुबह से

जांजगीर ! चैत्र नवरात्रि का मंगलवार को आगाज हुआ। शक्तिपीठो व देवी मंदिरो में आस्था की ज्योति कलश जगमगा उठी। 9 दिनों तक चलने वाला देवी आराधना के इस पर्व को लेकर आज सुबह से ही मंदिरो में श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी रहा। आज पहले दिन देवी शैलपुत्री की आराधना घटस्थापना के साथ की गयी। इस दौरान चन्द्रपुर, पहिरापाठ, सराईश्रृगार, महामाया, खोखरा स्थित मनकादाई, जांजगीर की कुल देवी देवी दाई, सेमरा के महामाई दाई, पोड़ीदल्हा के विश्वेश्वरी माता में विशेष पूजा-अर्चना की गयी।
ज्ञात हो कि प्रतिवर्ष नवरात्रि इस वर्ष भी अचंल में चैत्र नवरात्र का पर्व धूमधाम से मनाये जाने के लिए मंदिरों में तैयारी के साथ नवरात्र प्रारंभ हो गया। मंदिरो में शुभ मुहूर्त के साथ घट स्थापना हुई, नवरात्र में मां दुर्गा की नौ रूपो का पूजा का अलग-अलग महत्व है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना की जाती है। प्रथम रूप शैल पुत्री का माना जाता है भगवती शैलपुत्री पर्वत राज हिमालय की पुत्री है वृषभ आरूढ़ भगवती शैल पुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशुल बाएं हाथ में सुंदर कमल पुष्प शुशोभित है। माथे पर अर्ध चंद्र व स्वर्ण मुकूट शोभित है ऐसा माना जाता है कि पूर्व जन्म में उन्होंने दक्ष कन्या के रूप में अवतार लिया था। इस समय इनका नाम सती था, उन्होंने कठिन तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया। उन्हे पति रूप में प्राप्त किया। परंतु पिता के यज्ञ में स्वामी की उपेक्षा देखकर उन्होंने स्वयं को यज्ञ कुण्ड में भस्म कर दिया और अगले जन्म में शैल पुत्री के रूप में भगवान शिव की अर्धाग्नि बनी। नवरात्र के पहले दिन कई मंदिरो में भागवत का भी आयोजन किया जा रहा है। कुछेक मंदिरो में कलश यात्रा भी निकाली गयी। जिले में धार्मिक आस्था केन्द्र से भरा पड़ा है जिसका अलग-अलग महत्व है, जिले के अंतिम छोर में पुण्य सलिला महानदी तट पर स्थिति मां चन्द्रहासिनी विराजमान है जिसकी ख्याति पूरे प्रदेश में है जहां नवरात्र प्रारंभ हो गया है। इसी तरह नवागढ़ में सिद्ध शक्ति पीठ आदि शक्ति मां भगवती में भी नवरात्रि को लेकर गांव वाले विशेष तैयारी किये है जहां मंदिर में ज्योति कलश भी तेल व घृत, ज्वारा प्रज्वलित किया गया है। पूरे 9 दिन मां भगवती के दरबार में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।
जुलूस निकाल कर मना नववर्ष
जिले में साथ-साथ हिन्दु नव वर्ष मनाया गया। जहां घरों को ध्वज, पताका और तोरण से सजाया गया तथा घर के बाहर दीपक जलाकर रंगोली सजायी गयी। हिन्दूओं द्वारा नववर्ष पर गाय, कौआ और कुत्ते को भोजन कराया गया फिर सभी एक-दूसरे को नववर्ष की बधाई देते रहे। एक दूसरे को तिलक लगाकर खुशी का इजहार किए। युवाओं ने मिठाइयाँ बाँटकर नए संकल्प लिए। विभिन्न हिन्दू संगठनों द्वारा इस अवसर पर अनेक आयोजन संपन्न कराये गये। इस अवसर पर जिला मुख्यालय में सरस्वती शिशु मंदिर सहित विभिन्न सरकारी स्कूलों के बच्चों द्वारा रैली निकाली गयी जिसमें बच्चों को भगवान राम, सीता, लक्ष्मण व बजरंगबली के वेशभूषा में सजायी गयी थी।
मनका दाई मंदिर में निकाली कलश यात्रा
अंचल के प्रसिद्ध मां मनका दाई मंदिर में नवरात्र पर्व धूम-धाम से मनाया जा रहा है। जहां आज सुबह कन्याओं द्वारा भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें कुआरी कन्याओं व महिलाओं द्वारा कलश लेकर पूरे गांव का भ्रमण किया गया तत्पश्चात कलश यात्रा मंदिर प्रांगण पहुंचा। आज शुभमुर्हुत में घट स्थापना के साथ मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित किया गया। देवी मंदिर से कन्याओं ने कलश के साथ शोभा यात्रा निकाल कर गांव में भ्रमण किये। मां मनका दाई मंदिर में मनोकामना तेल ज्योति, घृत ज्योति व ज्वारा मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित किया जा रहे है।
आज से जलेगें ज्योति कलश
जिला मुख्यालय के कुल देवी मां देवी दाई में चैत्र नवरात्र की तैयारी पूर्ण कर ली गयी। ऐजिहासिक विष्णु मंदिर पुरानी बस्ती स्थित मां देवी दाई में चैत्र नवरात्र का पर्व धूमधाम से मनाया जायेगा। मां की झलक पाने दूर-दूर से लोग पहुंचे है। पं. के पुजारी विनोद उपाध्याय ने बताया कि इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 29 मार्च की सुबह 7.30 से 11 बजे तक शुभ मुहुर्त में ज्योति कलश प्रज्वलित एवं स्थापना किया जायेगा। 4 अप्रैल को दुर्गा अष्टमी, 5 अप्रैल को रामनवमी के साथ ज्वारा विसर्जन एवं कुंवारी भोज के साथ नवरात्र का समापन होगा। उक्त जानकारी पं. सुदीप उपाध्याय ने दी।
2 तिथियों में इस वर्ष चैत्र नवरात्रि
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 2 तिथियों में प्रारंभ हुई। पं. दुर्गा प्रसाद चतुर्वेदी का मामना है कि 28 मार्च को चैत्र नवरात्रि प्रारंभ करने का शुरू मुहुर्त है, वही कुछ पण्डितो का कहना है कि 28 मार्च को आमावास्या प्रतिपदा होने के कारण चण्डी मां का पूजा नहीं हो सकती है।
जिसके कारण 29 मार्च की सुबह से घट स्थापना करना शुभ है। जिले के अधिक्कतर देवी मंदिरो व शक्ति पीठो में 28 मार्च को शुभ मुहुर्त मान कर घठ स्थापना की है।


