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ग्रामीणों ने कहा-नहीं स्थापित होने देंगे क्षेत्र में कोलवाशरी

जांजगीर-बलौदा । नगर पंचायत बलौदा के वार्ड क्रमांक एक में प्रस्तावित पारस कोलवाशरी को लेकर क्षेत्रवासियों में भारी आक्रोष है।

ग्रामीणों ने कहा-नहीं स्थापित होने देंगे क्षेत्र में कोलवाशरी
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जांजगीर-बलौदा । नगर पंचायत बलौदा के वार्ड क्रमांक एक में प्रस्तावित पारस कोलवाशरी को लेकर क्षेत्रवासियों में भारी आक्रोष है। कोलवाशरी के लिए नगर पंचायत से गुपचुप तरीके से एनओसी दिए जाने को लेकर क्षेत्रवासियों ने नपं के अफसर और जनप्रतिनिधियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। नगरपंचायत बलौदा के वार्ड क्रमांक एक ठडगाबहरा में प्रस्तावित पारस कोलवाशरी की जनसुनवाई को लेकर क्षेत्रवासियों का अभिमत जानने पहुंची मीडिया की टीम को लोगों ने कई चौंकाने वाली जानकारी दी। ठडग़ाबहरा के लोगों ने कहा कि उनके वार्ड में नई कोलवाशरी लगने वाली है और इसके लिए 25 मार्च को जनसुनवाई रखी गई है, इसकी जानकारी उन्हें मीडिया के माध्यम से मिली है।
प्रभावित लोगो का आरोप है कि जिम्मेदार पदो पर बैठे लोगो ने कम्पनी के प्रबंधन से सांठ-गांठ कर गुपचुप तरीके से सारा खेल रच लिया है तथा इस कोलवाशरी से पर्यावरण को होने वाले नुकसान का सही आकंलन करने के बजाए कागजो में ही सब कुछ सही बता स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य व हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है। यही वजह है कि लोग कल होने वाले जनसुनवाई के विरोध में लामबंद हो रहे है। ठडगाबहरा के गुड़ी में बैठे लोगों ने कहा कि उनके मोहल्ले के आसपास पहले से ही हिंद एनर्जी और महावीर कोल बेनिफिकेशन लिमिटेड की पांच कोलवाशरी चल रही है। इसके बावजूद एक नई कोलवाशरी के लिए नपं से एनओसी दिया जाना यह स्पष्ट करता है कि प्रशासन से लेकर उनके चुने हुए जनप्रतिनिधि लोगों की भावनाओं की अवहेलना कर क्षेत्रिय हितो की उपेक्षा पर आमादा है। लोगों ने बताया कि उनके मोहल्ले के चारों ओर कोलवाशरी पहले से संचालित है, जिसके धूल के गुबार से उनका जीना मुहाल है। वही कोयले के राखड़ से फसल चौपट हो रही है। महिला समूह की महिलाओं ने बताया कि 25 मार्च को बलौदा के मंडी प्रांगण में आयोजित जनसुनवाई की जानकारी उन्हें प्रशासन की ओर से नहीं दी गई है। इसकी सूचना उन्हें कुछ रोज पहले ही मिली है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में कोलवाशरी की भरमार है, जिससे कई तरह की समस्याएं हो रही है। इसकी शिकायत कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन के अलावा क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी से कई बार कर चुकी हैं। इसके बावजूद, कोलवाशरी के लिए इस क्षेत्र को ही चुना जा रहा है, जो क्षेत्रवासियों के साथ अन्याय है। महिलाओं ने कहा कि जनसुनवाई के दौरान वे भरपूर विरोध करेंगी। वे नहीं चाहती कि किसी भी सूरत में क्षेत्र में एक और कोलवाशरी स्थापित हो।
प्रशासन ने कर रखी है कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
बलौदा के मंडी प्रांगण में आयोजित पारस कोलवाशरी की जनसुनवाई के लिए प्रशासन ने पुलिस बल का पुख्ता इंतजाम कर रखा है। बताया जा रहा है कि जनसुनवाई के लिए स्थानीय थाने के अलावा आसपास के थाने और पुलिस लाइन से भारी संख्या में बल मंगवाया गया है। क्षेत्र के राजस्व अधिकारियों के अलावा जिला प्रशासन के कई अफसर क्षेत्र के हालात की लगातार जानकारी ले रहे हैं।
निस्तारी बांध का अस्तित्व खतरे में
बलौदा के ठडग़ाबहरा के जिस स्थान पर पारस कोलवाशरी प्रस्तावित है, उसके ठीक सामने सैकड़ों वर्ष पुराना 50 एकड़ क्षेत्रफल में फैला बांध है। क्षेत्र के लोगों ने बताया कि इस बांध से आसपास के करीब दो सौ एकड़ खेतों में लगे फसल की सिंचाई होती है। इसके अलावा इस बांध के पानी का उपयोग क्षेत्रवासी निस्तार के लिए करते हैं। लोगों का कहना है कि कोलवाशरी की स्थापना से बांध का पानी सूख जाएगा, क्योंकि कोलवाशरी में कोयला साफ करने के लिए उच्च क्षमता वाले बोरवेल्स खुदेंगे। बोरवेल्स भू-गर्भ का पानी खींच लेगा और बाढ़ की बलि चढ़ जाएगी।
इससे पहले भी कई तालाब और प्राकृतिक जलस्त्रोत कोलवाशरी से प्रभावित हुए हैं।


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