उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दी चेतावनी , सोशल मीडिया पर टीआरएफ का दुष्प्रचार बन सकता है एक गंभीर खतरा
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को चेतावनी दी कि अगर सोशल मीडिया पर आतंकवादी प्रतिरोध मोर्चा (टीआरएफ) द्वारा फैलाई जा रही बातों पर लगाम नहीं लगाई गई तो यह एक गंभीर खतरा बन सकती है

जम्मू। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को चेतावनी दी कि अगर सोशल मीडिया पर आतंकवादी प्रतिरोध मोर्चा (टीआरएफ) द्वारा फैलाई जा रही बातों पर लगाम नहीं लगाई गई तो यह एक गंभीर खतरा बन सकती है।
श्रीनगर के टैगोर हाल में एक कार्यक्रम में बोलते हुए, उपराज्यपाल सिन्हा ने जम्मू कश्मीर के लोगों से शांति और स्थिरता की रक्षा के लिए आतंकवादी दुष्प्रचार के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि टीआरएफ के आनलाइन संदेशों का जमीनी स्तर पर सीधा असर पड़ता है और इसे नजरअंदाज करना खतरनाक होगा। उन्होंने कहा कि अगर टीआरएफ के सोशल मीडिया पर इस तरह की बातें फैलाई जा रही हैं और हम चुप रहते हैं, तो यह खतरनाक है। हमें इस पर ध्यान देना चाहिए।
इस बात पर जोर देते हुए कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सिर्फ सुरक्षा बलों की जिम्मेदारी नहीं है, उन्होंने कहा कि नागरिकों को भी सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के कारण 40 हजार से ज्यादा जानें जा चुकी हैं। इसे न सिर्फ सुरक्षा बलों द्वारा, बल्कि नागरिकों द्वारा भी पूरी तरह से जड़ से उखाड़ फेंकना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए लोगों को आगे आना होगा।
जम्मू कश्मीर में आए बदलाव पर प्रकाश डालते हुए, उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि पत्थरबाजी अब इतिहास बन गई है और स्थानीय स्तर पर आतंकवादियों की भर्ती में भारी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि जब भी किसी परिवार में फूट पड़ती है, तो हमें अपने घर को व्यवस्थित करने की कोशिश करनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हुए बदलाव जम्मू कश्मीर की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हैं। उन्होंने आगे कहा कि पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देना और वन अधिकार अधिनियम को लागू करना सरकार की न्याय और समावेशिता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि अब पहाड़ी समुदाय को समान अधिकार दिए जा रहे हैं। इस समुदाय को कोई नहीं रोक सकता। उनका जो अधिकार है, वह उन्हें दिया जाएगा। उपराज्यपाल ने आगे कहा कि देश भर में, खासकर पूर्वाेत्तर में, आतंकवाद और वामपंथी उग्रवाद में उल्लेखनीय कमी आई है और उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नक्सलवाद का भी जल्द ही सफाया हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर लंबे समय से पीड़ित रहा है। आतंकवाद का अंत जरूरी है। सुरक्षा एजेंसियां अपना काम कर रही हैं और हमें नागरिकों के रूप में जिम्मेदारी से पेश आना चाहिए और किसी भी गलत गतिविधि में शामिल नहीं होना चाहिए।


