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राजमार्ग बंद के विरोध में कश्मीर की फल मंडियों में पूर्ण बंद रहा

फलों से लदे ट्रकों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने में सरकार की विफलता के विरोध में सोमवार को कश्मीर भर की फल मंडियों में पूर्ण बंद रहा। उत्पादकों ने चेतावनी दी है कि अगर श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग दो दिनों के भीतर पूरी तरह से बहाल नहीं हुआ तो वे घाटी भर में हड़ताल करेंगे

राजमार्ग बंद के विरोध में कश्मीर की फल मंडियों में पूर्ण बंद रहा
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जम्मू। फलों से लदे ट्रकों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने में सरकार की विफलता के विरोध में सोमवार को कश्मीर भर की फल मंडियों में पूर्ण बंद रहा। उत्पादकों ने चेतावनी दी है कि अगर श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग दो दिनों के भीतर पूरी तरह से बहाल नहीं हुआ तो वे घाटी भर में हड़ताल करेंगे। इस बीच श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर व्यवधान के कारण घाटी भर में फल मंडियों के बंद होने के बीच, कृषि उत्पादन विभाग और बागवानी मंत्री जाविद अहमद डार राजमार्ग की स्थिति का जायजा लेने और फलों से लदे ट्रकों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के उपाय खोजने के लिए तुरंत पहुंचे थे।

सोपोर स्थित एशिया की दूसरी सबसे बड़ी फल मंडी में भावुक दृश्य देखने को मिले, जहां उत्पादकों ने नम आंखों से उद्योग के अस्तित्व की गुहार लगाई। प्रदर्शन के दौरान कई बागवान रो पड़े और उन्होंने कहा कि उनकी साल भर की मेहनत फंसे हुए ट्रकों में सड़ रही है और सरकार चुपचाप देख रही है।

विरोध प्रदर्शन में बोलते हुए, अध्यक्ष फयाज अहमद मलिक ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर लोगों को निराश करने का आरोप लगाया। उन्होंने गरजते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री फलों के ट्रकों की आवाजाही सुनिश्चित नहीं कर सकते, तो उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। अगर आप कुछ नहीं कर सकते, तो इस्तीफा दे दीजिए और कहा कि किसी भी विधायक ने उत्पादकों के पक्ष में आवाज नहीं उठाई।

उत्पादकों ने आरोप लगाया कि लोहा और अन्य वस्तुओं से लदे ट्रकों को तो जाने दिया जा रहा है, लेकिन फलों से लदे वाहनों को जानबूझकर रोका जा रहा है। मलिक ने तनाव बढ़ने की चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 48 घंटों के भीतर राजमार्ग बहाल नहीं किया गया, तो उत्पादक घाटी भर में हड़ताल की घोषणा करेंगे, जिससे पूरे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां ठप हो सकती हैं।

गौरतलब है कि सोपोर, हंदवाड़ा, शोपियां, कुलगाम, अनंतनाग और अन्य सहित घाटी भर की मंडियां 14 और 15 सितंबर को दो दिवसीय बंद के आह्वान के तहत बंद रहीं।

इस बीच किसानों के बीच पहुंचे डार ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से स्थिति का आकलन कर रहे हैं और राजमार्ग पर सेब के ट्रकों की सुचारू आवाजाही के लिए क्या करने की आवश्यकता है, इसकी जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं आज इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए रामबन में अधिकारियों के साथ बैठक करूंगा तथा सैकड़ों ट्रकों के फंसे रहने की समस्या का आकलन करने तथा समाधान ढूंढने के लिए उधमपुर भी जाऊंगा।


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