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जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों से आए छात्र कर रहे सैन्य संस्थानों की यात्रा

भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों राजौरी और पुंछ से 20 छात्रों और चार शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय एकता यात्रा आयोजित की है

जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों से आए छात्र कर रहे सैन्य संस्थानों की यात्रा
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नई दिल्ली। भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों राजौरी और पुंछ से 20 छात्रों और चार शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय एकता यात्रा आयोजित की है। ‘ऑपरेशन सद्भावना’ के तहत यह यात्रा शुरू हो रही है। इस यात्रा में छात्रों को देश के विभिन्न हिस्सों में जाने का अवसर मिल रहा है। इसका उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों के युवाओं को देश की विविधता, विकास और प्रगति से परिचित कराना तथा राष्ट्रीय एकता की भावना को सशक्त बनाना है।

ये छात्र महत्वपूर्ण सैन्य संस्थानों की यात्रा कर रहे हैं, और इन्होंने यहां वरिष्ठ आर्मी कमांडर्स से मुलाकात भी की है। सेना की व्हाइट नाइट कॉर्प्स के अधीन ऐस ऑफ स्पेड्स डिवीजन द्वारा 14 नवंबर तक यह यात्रा आयोजित की जा रही है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों के युवाओं को देश के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों व संस्थानों में ले जाया जा रहा है।

सेना के मुताबिक, यह यात्रा तीन नवंबर को राजौरी से रवाना हुई थी। यात्रा के गंतव्यों में पुणे, नासिक और अहिल्यानगर शामिल हैं। यात्रा के दौरान छात्र नेशनल डिफेंस एकेडमी, आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज, आर्मर्ड कॉर्प्स सेंटर एंड स्कूल, स्कूल ऑफ आर्टिलरी, सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी और आईएलएस लॉ कॉलेज जैसे प्रमुख रक्षा और शैक्षणिक संस्थानों का भ्रमण कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर के इन छात्रों ने महाराष्ट्र में दक्षिणी कमान मुख्यालय, पुणे का दौरा किया है।

भारतीय सेना के मुताबिक, यहां छात्रों और शिक्षकों ने लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, साउदर्न कमांड से मुलाकात की। सेना कमांडर ने नेतृत्व, अनुशासन और राष्ट्र निर्माण पर अपने विचार साझा किए और छात्रों को कड़ी मेहनत व समर्पण के साथ अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया। इस संवाद ने छात्रों को गहराई से प्रभावित किया।

संवाद के दौरान कई छात्रों ने भविष्य में सशस्त्र बलों में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की। छात्रों ने सदर्न कमांड नेशनल वॉर मेमोरियल का भी दौरा किया। यह स्मारक उन वीर सैनिकों की शौर्यगाथा का प्रतीक है जिन्होंने देश की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान दिया। सेना का मानना है कि इस दौरे ने छात्रों में गर्व, सम्मान और देशभक्ति की भावना को और अधिक सुदृढ़ किया।

सेना के मुताबिक, यह पहल सीमावर्ती इलाकों के छात्रों के दृष्टिकोण को व्यापक बनाने के साथ-साथ उन्हें भारत की तकनीकी और शैक्षणिक प्रगति से अवगत कराती है। साथ ही देश के प्रति उनके भावनात्मक जुड़ाव को मजबूत बनाती है। प्रतिभागियों ने भारतीय सेना के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त की और इस यात्रा को प्रेरणादायक एवं आंखें खोल देने वाला अनुभव बताया।

‘ऑपरेशन सद्भावना’ भारतीय सेना की उस अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है जो राष्ट्रीय एकता, युवा सशक्तिकरण और सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के प्रति समर्पित है। इस तरह की पहलें सेना की उस महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती हैं जिसके माध्यम से वह पूरे देश में एकता, प्रगति और राष्ट्र निर्माण को प्रोत्साहित करती है।

--आईएएनएस

जीसीबी/एएसएच


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