उमर अब्दुल्ला ने बुलाई आपात बैठक, बारिश से बने बाढ़ के हालात की समीक्षा की
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू संभाग में लगातार हो रही बारिश से बने बाढ़ के हालात की समीक्षा के लिए मंगलवार को एक आपात बैठक की

जम्मू में बाढ़ के हालात की समीक्षा के लिए उमर ने बुलाई आपात बैठक
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू संभाग में लगातार हो रही बारिश से बने बाढ़ के हालात की समीक्षा के लिए मंगलवार को एक आपात बैठक की।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि बैठक में जम्मू संभागीय आयुक्त और सभी 10 जिलों के उपायुक्तों ने मुख्यमंत्री को अपने-अपने क्षेत्रों की जमीनी स्थिति और विभिन्न स्थानों पर दर्ज किए गए उच्चतम बाढ़ स्तर, चेतावनी स्तर और नदियों, नालों और अन्य जल निकायों में बढ़ते जल स्तर से अवगत कराया गया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा, "राहत और पुनर्वास कार्य एसडीआरएफ के मानदंडों के अनुसार आगे बढ़ेंगे , हालांकि जहां भी इन मानदंडों से परे और अधिक जरुरतें होंगी, मैं व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करूंगा कि अतिरिक्त प्रावधान उपलब्ध कराए जाएं।" उन्होंने प्रशासन को प्रभावित परिवारों को समय पर भोजन, स्वच्छ पेयजल, दवाइयाँ और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए तथा कहा कि बुज़ुर्गों, बच्चों और मरीज़ों सहित कमज़ोर आबादी को प्राथमिकता के आधार पर सहायता मिलनी चाहिए। शहरी क्षेत्रों में, पंपों और अन्य मशीनों के ज़रिए पानी निकालने का काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जहाँ कहीं भी पानी निकालने वाले पंपों की कमी हो, वहाँ अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं से तुरंत सहायता ली जाए। उन्होंने अस्पतालों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया।
उन्होंने आवश्यक आपूर्ति और बचाव कार्यों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सड़कों और प्रमुख संपर्क मार्गों को प्राथमिकता के आधार पर बहाल किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने उपायुक्तों को त्वरित प्रतिक्रिया के लिए सेना, पुलिस, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों के साथ घनिष्ठ समन्वय बनाए रखने का निर्देश दिया। उपायुक्तों ने बताया कि नियंत्रण कक्ष सक्रिय कर दिए गए हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए कर्मचारियों और मशीनों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
बैठक में सड़कों, पुलों और इमारतों सहित सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे के साथ-साथ आवासीय घरों और कृषि भूमि को हुए नुकसान के बारे में भी जानकारी दी गई।
मुख्यमंत्री ने ज़ोर दिया कि हेल्पलाइन और सूचना माध्यमों के जरिए से जनता के साथ निरंतर संवाद बनाए रखा जाना चाहिए ताकि ज़रूरतमंद लोगों तक समय पर जानकारी और सहायता पहुँच सके।
जम्मू में कई नदियों और नालों में जलस्तर पहले ही खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है।


