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जम्मू: लद्दाखियों ने फिर खोला मोर्चा केंद्र के खिलाफ, तीन दिवसीय भूख हड़ताल का किया ऐलान

लद्दाख में अपनी राजनीतिक और संवैधानिक मांगों को लेकर करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। करगिल में प्रेस कांफ्रेंस कर केडीए नेताओं ने 9 से 11 अगस्त तक तीन दिवसीय भूख हड़ताल का ऐलान किया है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार लद्दाख के लोगों की उम्मीदों पर लगातार खरा नहीं उतर रही है

जम्मू: लद्दाखियों ने फिर खोला मोर्चा केंद्र के खिलाफ, तीन दिवसीय भूख हड़ताल का किया ऐलान
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करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस ने फिर मोर्चा खोला, 9 से 11 अगस्त तक भूख हड़ताल का ऐलान

जम्मू। लद्दाख में अपनी राजनीतिक और संवैधानिक मांगों को लेकर करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। करगिल में प्रेस कांफ्रेंस कर केडीए नेताओं ने 9 से 11 अगस्त तक तीन दिवसीय भूख हड़ताल का ऐलान किया है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार लद्दाख के लोगों की उम्मीदों पर लगातार खरा नहीं उतर रही है।

केडीए ने अपनी चार अहम मांगों को दोहराया, लद्दाख को राज्य का दर्जा दिया जाए, इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए, एक अलग संसदीय सीट बहाल की जाए और सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता लाने के लिए एक क्षेत्रीय लोक सेवा आयोग बनाया जाए। इन मांगों को लेकर केडीए लंबे समय से आवाज उठा रहा है, लेकिन अब तक केंद्र की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

प्रेस कांन्फ्रेंस में केडीए नेताओं ने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि कई बार गृह मंत्रालय और लद्दाख के नेताओं के बीच बैठकें हुईं, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर केंद्र सरकार ने अब भी इन मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो हालात बिगड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर जनता की भावनाएं भड़क गईं, तो इसके लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे।

केडीए का कहना है कि यह भूख हड़ताल केवल एक विरोध नहीं, बल्कि लद्दाख के लोगों की आवाज को पूरे देश तक पहुंचाने की कोशिश है। नेताओं ने कहा कि लद्दाख की जनता लोकतंत्र में विश्वास रखती है, लेकिन अगर उनके साथ बार-बार अनदेखी होगी, तो असंतोष बढ़ेगा।

केडीए ने केंद्र सरकार से अपील की है कि बहुत देर होने से पहले वह लद्दाख के मुद्दों को गंभीरता से ले और जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए।

उन्होंने बताया कि करगिल टाउन में शनिवार को हड़ताल शुरू होगी और लेह एपेक्स बाडी (एलएबी) के नेताओं से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे विरोध में शामिल हों और केंद्र सरकार को एक संदेश भेज सकें कि लद्दाख के लोग अपनी वास्तविक मांगों पर चुप नहीं रहेंगे, केडीए के सह-अध्यक्ष असगर अली करबालई ने यहां संवाददाताओं को बताया।

केडीए, एलएबी के साथ, अपने चार-बिंदु एजेंडे-राज्य, एक समर्पित लोक सेवा आयोग (पीएससी) और दो संसदीय सीटों के लिए छठा अनुसूची स्थिति और दो संसदीय सीटों पर केंद्र के साथ बातचीत कर रहा है। दो संगठन अपनी मांगों के समर्थन में पिछले कई वर्षों में संयुक्त रूप से एक आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।

गृह मंत्रालय के साथ केडीए और लेह एपेक्स निकाय की अंतिम बैठक लगभग दो महीने पहले हुई थी। और उस आखिरी बैठक में, अधिवास, आरक्षण और भर्ती के मुद्दों को हल किया गया था और हमें बताया गया था कि अगली बैठक एक महीने के भीतर आयोजित की जाएगी, जो कि हमारे मुख्य एजेंडा (राज्य और छठी अनुसूची) पर चर्चा कर रही है, लेकिन वे (केंद्र) की देरी कर रहे हैं।


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