Top
Begin typing your search above and press return to search.

जम्मू कश्मीर : सर्दियों में सीमा और एलओसी पर घुसपैठ करने वाले आतंकियों से निपटने की तैयारी में सुरक्षाबल

इस बार की सर्दियां जम्मू कश्मीर में तैनात सुरक्षा बलों के लिए कई चुनौतियां लेकर आने वाली हैं। भयानक सर्दी की भविष्यवाणी के बीच पाकिस्तान द्वारा घुसपैठ को नए स्तर पर पहुंचाए जाने की आशंकाओं के चलते सीमा और एलओसी पर अतिरिक्त जवानों की रवानगी आरंभ हो चुकी है

जम्मू कश्मीर : सर्दियों में सीमा और एलओसी पर घुसपैठ करने वाले आतंकियों से निपटने की तैयारी में सुरक्षाबल
X

जम्मू। इस बार की सर्दियां जम्मू कश्मीर में तैनात सुरक्षा बलों के लिए कई चुनौतियां लेकर आने वाली हैं। भयानक सर्दी की भविष्यवाणी के बीच पाकिस्तान द्वारा घुसपैठ को नए स्तर पर पहुंचाए जाने की आशंकाओं के चलते सीमा और एलओसी पर अतिरिक्त जवानों की रवानगी आरंभ हो चुकी है। यही नहीं जम्मू संभाग में आतंकी हमलों में अचानक उछाल आने की संभावनाओं के चलते जम्मू में भी एनएसजी तैनात की जा चुकी है जबकि सर्दी के कारण पहाड़ों से नीचे उतरते आतंकियों का काल बनने की योजनाएं अंतिम चरण में हैं।

सीमा और एलओसी पर घुसपैठ करने वाले आतंकियों से निपटने की भी पूरी तैयारी कर ली गई है। दरअसल सीमा पार से मिलने वाली खबरों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना अपने जहां रूके पड़े सैंकड़ों आतंकियों को किसी भी हालत में इस ओर धकलने को उतावली है। बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि की है जिनका कहना था कि इंटरनेशनल बार्डर पर गैप को भरने की खातिर सिर्फ जम्मू सीमा पर बीएसएफ की दो अतिरिक्त बटालियनों की तैनाती की गई है।

ऐसी ही कवायद 814 किमी लंबी एलओसी पर भी जारी है जहां घुसपैठ से निपटने की खातिर किए जाने वाले उपायों में एक कवायद अतिरिक्त हजारों सैनिकांे की तैनाती भी है। हालांकि इस बार भीषण सर्दी का अनुमान जताया जा रहा है बावजूद इसके एलओसी पर दुर्गम स्थानों पर तैनात जवानों को सर्दी में भी पीछे हटाने से इंकार किया जा रहा है।

सिर्फ यही चुनौतियां सुरक्षाबलों को जम्मू कश्मीर में परेशान नहीं कर रही हैं बल्कि 3 सालों से आतंकियों के ताबड़तोड़ हमलों को झेल रहे जम्मू संभाग में भी एनएसजी की तैनाती भी दर्शाती है कि आने वाले दिनों में खतरा कितना है। हालांकि पुलिस का दावा था कि एनएसजी को सुरक्षाबलों की मदद के लिए तैनात किया गया है।

इसी प्रकार अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है कि ऐसी खबरें हैं कि आतंकी ऊंचे पहाड़ों से अब नीचे उतरने लगे हैं। वे गांवों में बंदूक की नोक पर शरण और खाना भी मांगने लगे हैं। कश्मीर ही नहीं बल्कि जम्मू संभाग के कई पहाड़ी इलाकों में ऐसी सूचनाओं के उपरंत कई इलाकों में तलाशी अभियान भी छेड़े गए हैं।

साथ ही लोगों को चेतावनी दी गई है कि वे आतंकियों को शरण न दें। इस चेतावनी से पहाड़ों पर रहने वाले नागरिक परेशानी की दशा में इसलिए हैं क्योंकि एक ओर सुरक्षाबलों का डर तो दूसरी ओर आतंकियों की बंदूक का। एक सुरक्षाधिकारी के बकौल, पहाड़ों से नीचे उतरते आतंकियों से निपटने की योजनाओं को अंतिम रूप दे दिया गया है और उन्हें गांवों में पहुंचने से पहले ही मार गिराया जाएगा।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it