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जम्मू कश्मीर : बडगाम उपचुनाव में पीडीपी ने 4,478 वोटों के अंतर से दर्ज की जीत

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) को बड़ा झटका देते हुए शुक्रवार को बडगाम उपचुनाव जीत लिया

जम्मू कश्मीर : बडगाम उपचुनाव में पीडीपी ने 4,478 वोटों के अंतर से दर्ज की जीत
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उपचुनाव में नेशनल कांफ्रेंस ने गंवाई बडगाम सीट

श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) को बड़ा झटका देते हुए शुक्रवार को बडगाम उपचुनाव जीत लिया।

वर्ष 1957 के बाद से यह दूसरी बार है जब नेकां इस महत्वपूर्ण सीट से हारी है। पीडीपी उम्मीदवार आगा मुंतजिर ने बडगाम उपचुनाव 4,478 वोटों के अंतर से जीत लिया जिससे नेकां को उसके पारंपरिक गढ़ों में से एक में बड़ा झटका लगा।

पिछले साल के विधानसभा चुनावों में बडगाम और गंदेरबल दोनों सीटें जीतने वाले मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला ने बडगाम सीट छोड़ दी थी। जिसकी वजह से यहां उपचुनाव कराना पड़ा।

उपचुनाव के नतीजों में शुक्रवार को पीडीपी के मुंतजिर को 21,576 वोट मिले जबकि नेकां के उम्मीदवार आगा महमूद को 17,098 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा।

वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आगा मोहसिन को 2,619 और निर्दलीय उम्मीदवार जिबरान डार को 7,152 वोट मिले। सात निर्दलीय उम्मीदवारों सहित कुल 17 उम्मीदवार मैदान में थे।

बडगाम में नेकां के खिलाफ गुस्सा साफ दिखाई दे रहा था क्योंकि इसके प्रभावशाली सांसद आगा रुहुल्लाह ने भी बडगाम विधानसभा सीट का तीन बार प्रतिनिधित्व करने के बावजूद अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए प्रचार नहीं करने का फैसला किया था।

चुनावी इतिहास पर नजर दौड़ायें तो बडगाम हमेशा से नेकां का गढ़ रहा है। वर्ष 1972 को छोड़कर नेकां उम्मीदवारों ने 1957, 1962, 1967, 1977, 1983, 1987, 1996, 2002, 2008, 2014 और 2024 में यह सीट जीती।

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर चुनावी परिणाम पर प्रतिक्रिया देते हुए बडगाम के लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा,"बडगाम के लोगों को पीडीपी के आगा मुंतजिर साहब पर भरोसा और विश्वास जताने के लिए सलाम।"

इस बीच एक बयान में पीडीपी ने कहा कि बडगाम ने एक ऐसा फैसला सुनाया है जिसे छुपाया नहीं जा सकता। पार्टी ने कहा,"मुख्यमंत्री की सीट को लोगों ने उसी क्षण खारिज कर दिया जब निष्पक्ष चुनाव की बात आई। यह हार सिर्फ चुनावी नहीं, नैतिक भी है। यह अहंकार, पुराने अधिकार और जनता के बजाय सत्ता पर केंद्रित राजनीति से लोगों के मोहभंग को दर्शाती है।"

पीडीपी ने कहा,"मतदाताओं ने नेकां को याद दिलाया है कि कश्मीरियों को हल्के में नहीं लिया जा सकता और वैधता सेवा से आती है नारों से नहीं। "


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