पहले पहलगाम और अब दिल्ली, कश्मीर का पर्यटन लुढ़क गया, अब बर्फ ही दे सकती है उम्मीद
कश्मीर की यह बदकिस्मती है कि आतंकवाद ने उसके नागरिकों की रोजी रोटी पर हमेश ही लात मारी है। 39 साल से जारी आतंकवाद ने सबसे अधिक उस टूरिज्म इंडस्ट्री को ही नुक्सान पहुंचाया है जिसके बलबूते कश्मीरी अपना पेट पालते रहे हैं

जम्मू। कश्मीर की यह बदकिस्मती है कि आतंकवाद ने उसके नागरिकों की रोजी रोटी पर हमेश ही लात मारी है। 39 साल से जारी आतंकवाद ने सबसे अधिक उस टूरिज्म इंडस्ट्री को ही नुक्सान पहुंचाया है जिसके बलबूते कश्मीरी अपना पेट पालते रहे हैं।
यही कारण है कि देश पहलगाम आंतकी हमले से अभी उबर नहीं पाया था कि 10 नवंबर को दिल्ली में एक आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई। कश्मीर की पर्यटन इंडस्ट्री पहले से ही अप्रैल में हुए पहलगाम हमले से बुरी तरह प्रभावित थी, अब एक बार फिर पर्यटक कश्मीर जाने से बच रहे हैं।
ऐसा होने के पीछे के ठोस कारण यह हैं कि दिल्ली आतंकी हमले का भी कश्मीर कनेक्शन निकलकर सामने आया है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें 2 कश्मीरी डाक्टर भी शामिल हैं। ये डाक्टर, कश्मीर से बाहर काम कर रहे थे।
अब कश्मीर पहुंचने वाले पर्यटक आने से बचना चाह रहे हैं। ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन आफ कश्मीर के सचिव सज्जाद ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा है कि पहलगाम के बाद दिल्ली में हुए हमले के बाद कश्मीर आने से लोग बच रहे हैं। कश्मीर में पर्यटकों का आना थम गया है।
अक्टूबर में थोड़ी बर्फबारी हुई थी, जिससे थोड़ी सी उम्मीद जगी थी। सरकार और होटल इंडस्ट्री के व्यापारी, अब दिसंबर-जनवरी की बर्फबारी और गुलमर्ग में होने वाले खेलो इंडिया विंटर गेम्स पर आस लगाए बैठे हैं।
ट्रैवल एजेंट्स का कहना है कि को भरोसा है कि क्रिसमस-न्यू ईयर की छुट्टियों में लोग कश्मीर आना शुरू करेंगे। अगर अच्छी बर्फबारी हुई तो स्थिति शायद कुछ और सुधर जाए। फिलहाल कश्मीर का पर्यटन एक बार फिर मुश्किल दौर से गुजर रहा है। अब सबको बर्फबारी से उम्मीद है। अधिकारियों ने इसे माना है कि अप्रैल के बाद आने वालों की संख्या लगातार कम हुई है।
कश्मीर के पर्यटन में आ रही गिरावट, आंकड़ों के सहारे
वर्ष 2022 - 26.73 लाख सैलानी आए
वर्ष 2023 - 31.55 लाख आए
वर्ष 2024 - 34.98 लाख आए
वर्ष 2025 में अप्रैल तक करीब 6 लाख ही आए


