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बारिश-भूस्खलन, पहलगाम हमला, भारत-पाक संघर्ष के कारण वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में आई भारी गिरावट

भारी बारिशें, पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान सशस्त्र संघर्ष तथा उसके बाद हुए बड़े पैमाने पर भूस्खलन के कारण जम्मू कश्मीर के कटरा स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी गिरावट आई है

बारिश-भूस्खलन, पहलगाम हमला, भारत-पाक संघर्ष के कारण वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में आई भारी गिरावट
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पहलगाम हमला, आपरेशन सिंदूर और बाढ़ व बारिश ने वाट लगा दी इस बार वैष्णो देवी यात्रा की

जम्मू। भारी बारिशें, पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान सशस्त्र संघर्ष तथा उसके बाद हुए बड़े पैमाने पर भूस्खलन के कारण जम्मू कश्मीर के कटरा स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी गिरावट आई है। दूसरे शब्दों में कहें तो इन सबने मिल कर इस बार यात्रा की वाट लगा दी है।

माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अनुसार, इस वर्ष अब तक दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 61 लाख से कुछ अधिक रही, जो अन्यथा नवंबर के अंत तक 80 से 90 लाख के आसपास होती थी।

अधिकारियों ने पत्रकारों को बताया कि महाकुंभ मेले के कारण तीर्थयात्रियों की संख्या में गिरावट जल्दी शुरू हो गई, जिसके कारण तीर्थयात्रियों का मार्ग बदल गया। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इसके समाप्त होने के बाद, हमारी तीर्थयात्रा बढ़ गई, लेकिन दुर्भाग्य से पहलगाम आतंकी हमला हुआ और उसके बाद भारत-पाकिस्तान संघर्ष शुरू हो गया, जिससे तीर्थयात्रा का चरम सीजन प्रभावित हुआ और जून तक बहुत कम तीर्थयात्री आ रहे थे।

अधिकारी ने आगे बताया कि युद्ध के दौरान भी, लगभग 5000 तीर्थयात्री आए थे और युद्ध के बाद यह संख्या बढ़ गई। लेकिन अगस्त और सितंबर के महीनों में भारी बारिश के कारण हुए बड़े पैमाने पर भूस्खलन के कारण यह गिरावट और भी बढ़ गई, जिसमें कई तीर्थयात्री मारे गए। इस आपदा के कारण तीर्थयात्रा 25 दिनों के लिए स्थगित कर दी गई।

भारी बारिश के दौरान, रेल सेवा के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा और जम्मू व कटरा के लिए ट्रेन सेवा भी प्रभावित हुई। अधिकारी ने बताया कि कटरा जाने वाली कई ट्रेनें स्थगित कर दी गईं और चूंकि लगभग 80 प्रतिशत तीर्थयात्री ट्रेनों से यहां पहुंचते हैं, इसलिए ट्रेन बुकिंग न होने के कारण वे यहां नहीं आ पाते। अभी भी 22 से अधिक रेलें कैंसिल हैं जिस कारण इस साल इस संख्या में बढ़ौतरी होने की कोई उम्मीद नहीं है।

प्रतिदिन लगभग 10 से 15 हजार तीर्थयात्री दर्शन के लिए आते हैं और सप्ताहांत में लगभग 25,000 लोग आते हैं। तीर्थस्थल बोर्ड के अधिकारी के अनुसार, सामान्य दिनों में 25,000 से 30,000 तीर्थयात्री दर्शन के लिए आते हैं, जबकि सप्ताहांत में यह संख्या 40,000 तक पहुंच जाती है।

अधिकारी ने बताया कि अब तक कुल 61,34,666 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं और साल के अंत तक यह संख्या 75 लाख तक पहुंच सकती है। वार्षिक आधार पर तीर्थयात्रियों की संख्या 10 मिलियन तक पहुंच जाती है, लेकिन इस वर्ष यह संख्या 2.5 मिलियन कम होगी।


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