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गुस्से में पाकिस्तानी युवती ने अब्बाजान से किया झगड़ा, पार की तारबंदी, एलओसी के पास सेना ने हिरासत में लिया

गुस्सा कितना खराब और भयानक हो सकता है यह इसी से साबित होता है कि एक पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर की रहने वाली युवती ने अपने अब्बाजान से झगड़ा किया और उसने एलओसी को पार करने जैसा खतरा मोल ले लिया। नतीजतन वह तारबंदी पार कर तो गई पर भारतीय सेना ने उसे हिरासत में ले लिया

गुस्से में पाकिस्तानी युवती ने अब्बाजान से किया झगड़ा, पार की तारबंदी, एलओसी के पास सेना ने हिरासत में लिया
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जम्मू। गुस्सा कितना खराब और भयानक हो सकता है यह इसी से साबित होता है कि एक पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर की रहने वाली युवती ने अपने अब्बाजान से झगड़ा किया और उसने एलओसी को पार करने जैसा खतरा मोल ले लिया। नतीजतन वह तारबंदी पार कर तो गई पर भारतीय सेना ने उसे हिरासत में ले लिया

जम्मू के पुंछ जिले में एलओसी के पास सेना ने एक पाकिस्तानी महिला को पकड़ा है। इस महिला का नाम शहनाज अख्तर है। 35 साल की शहनाज पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के कोटली जिले के गिम्मा गांव की रहने वाली है। महिला बालाकोट सेक्टर के डब्बी फारवर्ड इलाके में मिली और शक है कि उसने पारिवारिक झगड़े की वजह से एलओसी पार की थी।

वह अभी सेना की हिरासत में है और आगे की जांच के लिए बाद में उसे स्थानीय पुलिस को सौंप दिया जाएगा। आधिकारियों ने यह भी बताया कि शहनाज अख्तर के भारत में प्रवेश करने के उद्देश्य और अन्य संभावित कारणों की जांच की जा रही है। यह मामला सुरक्षा एजेंसियों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि एलओसी पार करना संवेदनशील और कानूनी दृष्टि से गंभीर घटना है।

स्थानीय प्रशासन ने कहा कि महिला को सुरक्षित रूप से सेना की हिरासत में रखा गया है और उसके साथ कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। इसके साथ ही प्रशासन ने इस क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी है ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

सेना और स्थानीय पुलिस अधिकारी आगामी जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे। इसके अलावा, भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच इस तरह के स्वब् पार करने की घटनाओं पर निगरानी तेज कर दी गई है।

यह घटना एलओसी पार करने और नागरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर एक बार फिर से ध्यान आकर्षित करती है, जबकि सुरक्षा बल सतर्कता बनाए हुए हैं। इस घटना के बाद अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे एलओसी के पास जाने या अवैध गतिविधियों में शामिल होने से बचें।

सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि आईएसआई जम्मू कश्मीर के उन आतंकवादी कमांडरों को वापस भेजने की कोशिश कर रही है, जो कई साल पहले पाकिस्तान चले गए थे। कुछ दिन पहले बीएसएफ के आईजी ने कहा था कि पाकिस्तानी इलाके में आतंकवादी लांच पैड फिर से एक्टिव हो गए हैं। इससे पहले सितंबर में कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश नाकाम की गई थी।

दरअसल, इससे कुछ दिन पहले बीएसएफ ने भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक बड़ी घुसपैठ की साजिश को नाकाम किया था। जम्मू के परगवाल सेक्टर में एक संदिग्ध आतंकवादी को गिरफ्तार किया था। बीएसएफ ने जिस संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार था, उसके तार जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े होने की आशंका थी। उसके पास से चीन में बना हथियार था।

याद रहे पहलगाम आतंकी हमले के बाद एलओसी पर काफी तनाव रहता है। आपरेशन सिंदूर के बाद वैसे घुसपैठ की कोशिशें काफी कम हो गईं। बीएसएफ के मुताबिक, इस साल कश्मीर में केवल 4 घुसपैठ की कोशिशें दर्ज हुईं, जिनमें 8 आतंकवादी मारे गए और सभी प्रयास नाकाम कर दिए गए। एलओसी पार करने की कोशिशें ज्यादातर पुंछ, राजौरी, कुपवाड़ा और उड़ी जैसे सेक्टर्स में होती हैं।


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