रामबन में बादल फटने से 5 मरे, 5 लापता
रियासी जिले के माहोर इलाके के बदर गांव में शनिवार को एक रिहायशी मकान के भूस्खलन की चपेट में आने से कम से कम सात लोग मारे गए। जबकि रामबन में बादल फटने से 5 लोग मारे गए और 5 लापता हो गए

- फिर मची तबाही, बादलों और बारिश से जम्मू कश्मीर में 12 की मौत
- रियासी में भूस्खलन से रिहायशी मकान ध्वस्त, 7 लोग मरे कुल
जम्मू। रियासी जिले के माहोर इलाके के बदर गांव में शनिवार को एक रिहायशी मकान के भूस्खलन की चपेट में आने से कम से कम सात लोग मारे गए। जबकि रामबन में बादल फटने से 5 लोग मारे गए और 5 लापता हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि आज माहोर इलाके में एक बड़ा भूस्खलन हुआ, जहां एक रिहायशी मकान इसकी चपेट में आ गया। इस घटना में सात लोगों के मारे जाने की खबर है। इस बीच, पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहंुच गई हैं और बचाव अभियान जारी है।
अधिकारियों ने बताया कि रियासी में भारी बारिश के चलते भूस्खलन होने से कच्चा मकान गिर गया। जिसमें पति, पत्नी और 5 बच्चों सहित सात लोगों की मौत हो गई। मलबे में दबने से एक ही परिवार के सभी सदस्यों की जान चली गई। मृतकों की पहचान नजीर अहमद व उसकी पत्नी वजीरा बेगम के रूप में हुई है।
यह सच है कि जम्मू कश्मीर पर कुदरती कहर बरपना अभी भी जारी है। अब रामबन के एक गांव में बादल फटने से तबाही मची है। अभी तक 5 शव बरामद हुए है और 5 लापता बताए जाते हैं। बीसियों घर तबाह हो गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि रामबन जिले की राजगढ़ तहसील में बादल फटने से कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य लापता हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि बचाव दल प्रभावित क्षेत्र में पहुंच गए हैं और लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान जारी है।
उन्होंने कहा कि अब तक 5 शव बरामद किए गए हैं और पांच लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। अचानक बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिससे संपत्ति को नुकसान पहुंचा और क्षेत्र में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
उन्होंने आगे कहा कि पीड़ितों के परिवारों को तत्काल राहत प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जबकि खोज और बचाव अभियान जारी है।
ये ताजा घटनाएं रियासी के कटरा इलाके में वैष्णो देवी मंदिर के पास हुई एक बड़ी त्रासदी के कुछ दिनों बाद हुई हैं, जहां 26 अगस्त को भूस्खलन के बाद कम से कम 35 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी और दर्जनों घायल हो गए थे. उसी दिन, जम्मू कश्मीर के एक अन्य जिले डोडा में भी इसी तरह की अचानक आई बाढ़ में चार लोगों की मौत हो गई थी।


