जम्मू-कश्मीर: प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी
जम्मू-कश्मीर में आम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने एक एडवाइज़री जारी की है और लोगों को सलाह दी गई है कि वो आतंक विरोधी अभियान वाली जगहों से दूर रहें।
जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर में आम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने एक एडवाइज़री जारी की है और लोगों को सलाह दी गई है कि वो आतंक विरोधी अभियान वाली जगहों से दूर रहें।
प्रशासन की यह एडवाइज़री सेना प्रमुख के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने आतंक रोधी अभियानों में रुकावट डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी। श्रीनगर, बड़गाम और शोपियां जिले में प्रशासन ने अपने निर्देश में कहा है कि मानव जीवन को नुकसान से बचाने के लिए लोग उन जगहों के करीब ना जाएं, जहां सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो रही हो। इसके साथ प्रशासन ने जिले में आतंकी रोधी अभियान वाली जगहों के तीन किलोमीटर दायरे में प्रवेश निषेध कर दिया है। हालांकि इसमें यह भी बताया गया है कि यह ऐम्बुलेंस, चिकित्सा कर्मियों और सरकारी कर्मचारियों के लिए कोई निर्देश नहीं है।
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आतंकी मुठभेड़ के दौरान सेना पर पथराव करने वालों को देशद्रोही मानकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। जनरल रावत का यह बयान घाटी में मंगलवार को हुई दो अलग-अलग मुठभेड़ों में एक मेजर सहित सेना के चार जवानों के शहीद होने के एक दिन बाद आया था।
उन्होंने कहा था कि कश्मीर घाटी में स्थानीय लोगों के शत्रुतापूर्ण आचरण के कारण लोग अधिक हताहत होते हैं और सुरक्षा बलों की आतंकवाद रोधी अभियानों के दौरान हमला करने वालों के साथ 'राष्ट्र विरोधी' के तौर पर बर्ताव होगा और उनके खिलाफ 'सख्त कार्रवाई' होगी. वहीं रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने उनका समर्थन किया है. पर्रिकर ने कहा कि सेना हर कश्मीरी को आतंकवादी नहीं मानती है, लेकिन अगर कोई आर्मी के खिलाफ कुछ करे, तो मौजूद अधिकारी को फ्री हैंड होता है.


