Top
Begin typing your search above and press return to search.

जम्मू-कश्मीर: शोपियां मुठभेड़ में 6 की मौत से घाटी में रोष

 दक्षिण कश्मीर के एक गांव में मुठभेड़ में दो आतंकवादियों सहित छह लोगों की मौत के एक दिन बाद सोमवार को कई स्थानों पर प्रतिबंध लगा दिए गए और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं

जम्मू-कश्मीर: शोपियां मुठभेड़ में 6 की मौत से घाटी में रोष
X

श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के एक गांव में मुठभेड़ में दो आतंकवादियों सहित छह लोगों की मौत के एक दिन बाद सोमवार को कई स्थानों पर प्रतिबंध लगा दिए गए और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। सुरक्षाबलों का कहना है कि मारे गए लोग आतंकवादी या ओवर ग्राउंड वर्कर्स थे जबकि अलगाववादी नेताओं और स्थानीय लोगों का कहना है कि इनमें से चार स्थानीय नागरिक थे।



रविवार को हुई मुठभेड़ उस समय शुरू हुई, जब कार में सवार एक आतंकवादी ने शोपियां जिले के पहनू गांव में सेना के मोबाइल व्हिकल चेकपोस्ट पर हमला कर दिया। पुलिस ने बताया कि रविवार रात को चार लोगों के मरने की पुष्टि की गई जबकि सोमवार सुबह दो और शव बरामद किए गए।





पुलिस के मुताबिक, उन्हें शोपियां के सैदपोरा क्षेत्र से लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी आशिक हुसैन का गोलियों से छलनी शव मिला है। वह 13 नवंबर, 2017 से लापता था।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "शुरुआती जांच में पता चला है कि भट्ट की मौत पन्हू गांव में रविवार को हुई मुठभेड़ की वजह से हुई है। जांच जारी है।"

मुठभेड़ स्थल से करीब 250 मीटर की दूरी पर सोमवार सुबह एक अन्य स्थानीय नागरिक गौहर अहमद लोन (24) का शव भी बरामद किया गया। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वह शोपियां में हुई गोलीबारी में नागरिकों की मौत से दुखी हैं। उन्होंने मृतकों के परिवार वालों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।



अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारुख और यासीन मलिक ने इन मौतों के विरोध में बंद का आह्वान किया है। प्रशासन ने अलगाववादियों द्वारा आहूत बंद के बीच सड़कों पर प्रदर्शनों की आशंका के मद्देनजर श्रीनगर के कुछ हिस्सों और दक्षिण कश्मीर में प्रतिबंध लगा दिया है।

राज्य लोक सेवा आयोग ने सोमवार को होने वाली सिविल सर्विसेज की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है। दक्षिण कश्मीर में इंटरनेट और रेल सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं और श्रीनगर में दुकानें, अन्य प्रतिष्ठान और सार्वजनिक परिवहन के साधन भी बंद हैं।

जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख मलिक को सोमवार को इन मौतों के विरोध में निकाले गए मार्च के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने मलिक के विरोध मार्च को रोका और उन्हें और उनके कुछ समर्थकों को हिरासत में ले लिया।

मलिक ने मीडिया को बताया, "नागरिकों की मौत के लिए राज्य के विधायक जिम्मेदार हैं। सेना को खुली छूट दी गई है क्योंकि राज्य के तथाकथित हुक्मरान सशस्त्रबल विशेषाधिकार अधिनियम (अफ्स्पा) को हटाने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहे।"




Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it