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जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष ने गोलाबारी प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा, राहत पैकेज की मांग

जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने राजौरी के गोलाबारी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया

जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष ने गोलाबारी प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा, राहत पैकेज की मांग
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राजौरी। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने बुधवार को राजौरी के गोलाबारी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान की ओर से हाल ही में सीमा पार से की गई गोलाबारी से प्रभावित परिवारों से भी मुलाकात की।

कर्रा ने सबसे पहले राजौरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) का दौरा किया, जहां उन्होंने इलाज करा रहे घायलों से मुलाकात की। उन्होंने पीड़ितों को अपनी पार्टी के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। अस्पताल के दौरे के बाद, वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ वह ढांगरी और अन्य क्षेत्रों में गए, जहां गोलाबारी के कारण व्यापक संपत्ति का नुकसान हुआ है।

अपने इस दौरे में समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कर्रा ने कहा कि हमने पुंछ और राजौरी दोनों जिलों का दौरा किया है, जहां परिवारों ने पाकिस्तानी गोलाबारी के कारण अपने प्रियजनों को खो दिया है। हमने प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना और समर्थन व्यक्त किया है। यह गोलाबारी, जिसने इतना नुकसान पहुंचाया है, अत्यधिक निंदनीय है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।

केंद्र सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग करते हुए कर्रा ने गोलाबारी से प्रभावित लोगों के लिए प्रधानमंत्री राहत पैकेज की घोषणा की मांग की।

उन्होंने कहा कि पीड़ितों को उचित पुनर्वास की आवश्यकता है। केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए और पीड़ितों को अपना जीवन फिर से शुरू करने में मदद करने के लिए एक व्यापक पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने सरकार से राजौरी और पुंछ के सभी संवेदनशील गांवों में बंकर बनाने का भी आग्रह किया।

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तानी गोलाबारी की सीमा और लक्ष्य क्षमता अब 50 किलोमीटर से अधिक हो गई है। बंकर अब वैकल्पिक नहीं हैं, वे नागरिकों की जान बचाने के लिए जरूरी हैं। प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए।

जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष के अलावा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उरी के गोलाबारी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, जिसमें सलामाबाद, लगमा, बांदी और गिंगल शामिल हैं।

इस दौरान उन्होंने कहा कि इस भूमि ने बहुत कुछ सहा है। 2005 के भूकंप की तबाही से लेकर सीमा पार से गोलाबारी के दर्द तक। फिर भी, इसके लोग हर बार अपने दिलों में साहस और अपनी आत्मा में लचीलापन लेकर आगे बढ़ते हैं।


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