Top
Begin typing your search above and press return to search.

जामिया ने पूरे किए अपने वजूद के 103 साल

जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने अपने अस्तित्व के 103 वर्ष पूरे कर लिए

जामिया ने पूरे किए अपने वजूद के 103 साल
X

नई दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने अपने अस्तित्व के 103 वर्ष पूरे कर लिए। विश्‍वविद्यालय ने रविवार को अपना स्थापना दिवस मनाया। शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय रैंकिंग में यह देश का तीसरा सर्वश्रेष्ठ विश्‍वविद्यालय है।

इस मौके पर आयोजित समारोह में जामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने बताया कि जामिया की रेटिंग लगातार बढ़ी है। नैक में उसे शानदार ग्रेड हासिल हुए हैं। एनआईआरएफ रैंकिंग में लगातार दूसरे वर्ष जामिया को तीसरी रैंक मिली। प्रतिष्ठित पीएमआरएफ फैलोशिप के लिए 14 जामिया शोधकर्ताओं का चयन हुआ, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा जारी दुनिया के शीर्ष छब्बीस वैज्ञानिकों की सूची में दो जामिया के वैज्ञानिक शामिल किए गए हैं। जामिया को मेडिकल कॉलेज की मंजूरी भी मिली है, जिसे कुलपति ने बड़ी उपलब्धि बताया।

मुख्य अतिथि इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलीरी साइंसेज (आईएलबीएस) के संस्थापक डॉ. शिव कुमार सरीन (पद्मश्री) और अभिनेत्री शर्मिला टैगोर (पद्म विभूषण) को एनसीसी कैडेटों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। शर्मिला टैगोर को जामिया के सर्वोच्च मानद पुरस्कार 'इम्तियाज-ए-जामिया' से सम्मानित किया गया। अभिनेत्री ने कहा, “जेएमआई के साथ मेरा पारिवारिक संबंध रहा है, क्योंकि मेरे पति के परिवार ने इस यूनिवर्सिटी के लिए जमीन दान की थी। यहां एक अद्भुत खेल परिसर बनाया गया है और सभी क्रिकेटरों के अनुसार, यह सबसे अच्छे क्रिकेट मैदानों में से एक है। मैं बतौर सलाहकार एजेके-मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर (एमसीआरसी) से जुडी रही हूं और मैं किसी भी तरह यूनिवर्सिटी के साथ, विशेष रूप से एमसीआरसी के साथ जुड़ना चाहती हूं, क्योंकि यह मेरा क्षेत्र है और मुझे लगता है कि मैं इसमें योगदान दे सकती हूं।“

जामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने कहा, "यह हमारे लिए एक महान क्षण है कि विश्‍वविद्यालय ने अपने अस्तित्व के 103 वर्ष पूरे कर लिए हैं। डॉ. सरीन और शर्मिला टैगोर जैसे सम्मानित अतिथियों की यादगार मौजूदगी ने इस दिन को और भी शानदार बना दिया है। वे अपनी उपलब्धियों और अच्छे कार्यों से लोगों को प्रेरित करते रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि जामिया के साथ उनके जुड़ाव से यूनिवर्सिटी को बहुत फायदा होगा।"

शर्मिला टैगोर को 'इम्तियाज-ए-जामिया' की उपाधि प्रदान करने से पहले उनकी जीवन-यात्रा पर एक स्लाइड-शो दिखाया गया। सम्मान प्राप्त करने के बाद शर्मिला ने कहा, “मुझे यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि जामिया आज कहां है और रैंकिंग में इतना अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और इसे देश के बाहर किस रूप में जाना जाता है। यह अद्भुत है। मैं कुलपति को सभी उपलब्धियों के लिए बधाई देती हूं। मैं अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी नहीं कर सकी, मैंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत बहुत पहले ही कर दी थी। यह सर्वोच्च सम्मान है और मैं बहुत विनम्र हूं, यह अविश्‍वसनीय है, मेरे पास यह बताने के लिए शब्द नहीं हैं कि मैं इसके बारे में कैसा महसूस कर रही हूं। मेरेे लिए यह बहुत बड़ा सम्मान है।”

मुख्य अतिथि डॉ. सरीन ने कहा, “मैं भाग्यशाली हूं कि जामिया के इतने शानदार स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुआ। नवनिर्मित शताब्दीद्वार भव्य है और कुलपति की दूरदर्शिता को दर्शाता है। जामिया एक ऐतिहासिक संस्था है और इसका देश में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। मैं आशा करता हूं कि यहां के लोग स्वस्थ रहें और मेडिकल कॉलेज की स्थापना समय की मांग है। मैं उस दिशा में सभी आवश्यक मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हूं।“


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it