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कड़ाके की ठंड में भी गर्म रहा जामिया का माहौल

आज दिल्ली का सबसे सर्द दिन रहा, लेकिन जामिया का माहौल गर्म बना रहा। यहां कड़ाके की ठंड के बीच प्रदर्शनकारी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अपना विरोध जताने पहुंचे

कड़ाके की ठंड में भी गर्म रहा जामिया का माहौल
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नई दिल्ली । आज दिल्ली का सबसे सर्द दिन रहा। लेकिन जामिया का माहौल गर्म बना रहा। यहां कड़ाके की ठंड के बीच प्रदर्शनकारी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अपना विरोध जताने पहुंचे। कानूनी पचड़े में फंसे छात्रों व पुलिस कार्रवाई में चोटिल छात्रों को कानूनी मदद देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के कई वकील व कानूनी विशेषज्ञ भी जामिया आए।

जामिया के छात्रों ने आज प्रधानमंत्री मोदी से प्रश्न किया कि उनके "'सबका साथ सबका विकास' नारे में जामिया और जामिया के छात्र कहां हैं। छात्रों ने जामिया विश्वविद्यालय के बाहर सीएए विरोध के लिए बने मंच पर आकर कहा कि प्रधानमंत्री लगातार 'सबका साथ सबका विकास और अब सबका विश्वास' की बात कहते हैं। ऐसे में हमारा विश्वास बहाल क्यों नहीं किया जाता। हमें साथ क्यों नहीं लिया जा रहा।"

जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी से जुड़े सज्जाद ने कहा प्रधानमंत्री का नारा देश के सब लोगों को साथ लेकर चलने का है फिर एनआरसी जैसा कानून लाया ही क्यों जा रहा है, जिसके जरिए लोगों को बाहर निकाला जाएगा।

शनिवार शाम होते होते कांग्रेस नेता अलका लांबा भी जामिया विश्वविद्यालय के बाहर नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने पहुंची। अलका लांबा ने कहा कि "प्रधानमंत्री जी हम लोग न तो गुमराह हैं और न ही अर्बन नक्सल हैं। हम भी बाकी देशवासियों की तरह इस देश के ही नागरिक हैं।"

प्रदर्शन के उपरांत जामिया में शनिवार को सर्व धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। सर्व धर्म प्रार्थना में गीता, कुरान, बाइबिल व गुरबानी का पाठ किया गया। इस दौरान सीएए व एआरसी कानून के रद्द होने की प्रार्थना भी की गई।


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