Top
Begin typing your search above and press return to search.

तमिलनाडु में हुआ जल्लीकट्टू का आयोजन 

 तमिलनाडु के पुडुकोट्टई और ईरोड जिलों में रविवार को सांड को काबू में करने के प्राचीन और लोकप्रिय खेल जल्लीकट्टू का आयोजन किया गया। वहीं कोयम्बटूर में एक बैलगाड़ी दौड़ भी आयोजित की गई।

तमिलनाडु में हुआ जल्लीकट्टू का आयोजन 
X

चेन्नई | तमिलनाडु के पुडुकोट्टई और ईरोड जिलों में रविवार को सांड को काबू में करने के प्राचीन और लोकप्रिय खेल जल्लीकट्टू का आयोजन किया गया। वहीं कोयम्बटूर में एक बैलगाड़ी दौड़ भी आयोजित की गई। लेकिन मदुरै के अलांगानाल्लुर में यह प्राचीन और लोकप्रिय खेल आयोजित नहीं किया जा सका। आयोजनकर्ताओं ने कहा कि

वहां इस खेल को लेकर तैयारी पूरी नहीं हुई थी, इसलिए इसका आयोजन नहीं हो पाया।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने शनिवार को कहा था कि वह मदुरै में जल्लीकट्ट का आयोजन करेंगे।

राज्य सरकार द्वारा पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम में संशोधन करते हुए एक अध्यादेश जारी करने के बाद पन्नीरसेल्वम ने यह घोषणा की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने मई 2014 में जल्लीकट्ट के आयोजन पर रोक लगा दी थी।जल्लीकट्ट के लिए लड़ाई लड़ रहे एक संगठन के एक पदाधिकारी ने कहा,

"सरकार को स्थानीय समुदाय से खेल के आयोजन से संबंधित तैयारियों के बारे में बात करनी चाहिए। यह कोई सरकारी या राजनीतिक समारोह नहीं है, बल्कि एक सामुदायिक खेल है।"

उन्होंने कहा, "लोग एक स्थायी समाधान चाहते हैं।"

सर्वोच्च न्यायालय ने मई 2014 में जल्लीकट्ट के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया था।उसके बाद से ही लोग केंद्र सरकार से इस खेल के आयोजन की अनुमति के लिए कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

वहीं, इस मुद्दे को लेकर चेन्नई के मरीना बीच में रविवार को सातवें दिन भी युवाओं का बड़े पैमाने पर प्रदर्शन जारी है।

पसुमई त्यागम के सचिव आर. अरुल ने रविवार को कहा, "केंद्र सरकार को केवल पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम में उल्लिखित पशुओं की सूची में से सांड का नाम हटाना है। क्या यह अधिसूचना जारी करना इतना बड़ा मुद्दा है?"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it