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शिवराज के गांव में अवैध रेत खनन रोकने को जल सत्याग्रह

नर्मदा नदी में जारी अवैध खनन को रोकने की मांग को लेकर कई सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के गृह ग्राम जैत में नर्मदा नदी में खड़े होकर जल सत्याग्रह किया

शिवराज के गांव में अवैध रेत खनन रोकने को जल सत्याग्रह
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भोपाल। नर्मदा नदी में जारी अवैध खनन को रोकने की मांग को लेकर कई सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह ग्राम जैत में नर्मदा नदी में खड़े होकर जल सत्याग्रह किया। साथ ही मुख्यमंत्री चौहान द्वारा नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान नर्मदा संरक्षण और अवैध उत्खनन रोकने के लिए की गई घोषणाओं पर अमल की मांग की। नर्मदा के संरक्षण और अवैध उत्खनन रोकने की मांग को लेकर चल रहे सत्याग्रह के क्रम में मंगलवार को विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि मंगलवार को जैत पहुंचे। नर्मदा सत्याग्रह के दौरान दो घंटे नर्मदा में खड़े होकर जल सत्याग्रह किया और लंबे समय से अलग-अलग मांगों के लिए लड़ रहे संगठनों ने अवैध उत्खनन, नर्मदा संरक्षण, किसानी और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर आवाज बुलंद की।

बेरोजगार सेना के राष्ट्रीय प्रमुख अक्षय हुंका ने बताया, "एक वर्ष पूर्व नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने नर्मदा को जीवित इकाई का दर्जा देने की घोषणा की, लेकिन अब तक प्रशासकीय आदेश सिर्फ खानापूर्ति बन कर रह गया है, लिहाजा इसे शीघ्र क्रियान्वित कर नर्मदा उत्खनन को रोका जाना चाहिए।"

आगे कहा कि नर्मदा किनारे के बड़े शहरों का गंदा अपशिष्ट नर्मदा में न मिले इसके लिए नालो पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाने की योजना क्रियान्वित करें। घटते वन क्षेत्र को रोकने के लिए एवं नर्मदा तट पर जंगल बढ़ाने के लिए कार्य किया जाना सुनिश्चित हो और लकड़ी माफियाओं पर कार्रवाई के लिए कानून मजबूत किया जाए। नर्मदा में प्रदूषण घटे और पानी बढ़े इसके लिए योजना बनाकर विधानसभा के अंतिम सत्र में कानून बनाया जाए एवं कार्य न होने की स्थिति में जिम्मेदारी तय की जाए।

नर्मदा सत्याग्रह में पूर्व विधायक गिरिजा शंकर शर्मा, पूर्व मंत्री राजकुमार पटैल, नर्मदा सत्याग्रह के आयोजक विनायक परिहार, आम किसान यूनियन के केदार सिरोही, किसान नेता विश्वास परिहार, अरविंद शर्मा, अर्जुन आर्य, किसान नेता विक्रांत राय, नर्मदा बचाओ अभियान प्रमुख बलराम, विमलेश, आचार्य रजनीश, युद्धवीर सिंह, महेंद्र कैरव, नरेंद्र अवस्थी, रमाकांत धाकड़, मोहरकांत गुर्जर, नंदराम राजपूत, रोहित डिमोले, दीपक चौहान, प्रवीण शर्मा, अमन दुबे, संजय मिश्रा, विभूति भूषण तिवारी समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए।


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