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सुरक्षा बल किसी भी तरह के हालात का मुकाबला करने के लिए तैयार : जेटली

रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को संसद को आश्वस्त किया कि सशस्त्र बल किसी भी हालात का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं और हथियार व गोला-बारूद की किसी भी तरह की कमी का 'शीघ्र समाधान' किया जा रहा है

सुरक्षा बल किसी भी तरह के हालात का मुकाबला करने के लिए तैयार : जेटली
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नई दिल्ली। रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को संसद को आश्वस्त किया कि सशस्त्र बल किसी भी हालात का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं और हथियार व गोला-बारूद की किसी भी तरह की कमी का 'शीघ्र समाधान' किया जा रहा है।

गोला-बारूद की कमी से संबंधित नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट के मद्देनजर, जेटली ने कहा, "जहां तक सशस्त्र बलों की बात है, तो वे किसी भी हालात का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं और हथियार व गोला-बारूद की किसी भी तरह की कमी का 'शीघ्र समाधान' किया जा रहा है।"

सीएजी ने पिछले सप्ताह संसद में पेश अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि भारतीय सेना द्वारा इस्तेमाल में लाए जाने वाले 55 फीसदी गोला-बारूद की मात्रा न्यूनतम जरूरतों को पूरा नहीं करता।

रिपोर्ट के मुताबिक, सेना द्वारा भंडारित बाकी 45 फीसदी गोला-बारूद 'भीषण युद्ध' के हालात में 10 दिन से अधिक नहीं चलेंगे।

मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट एक खास समय पर तैयार किया गया था और तब से लेकर अब तक इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

जेटली ने कहा, "रिपोर्ट साल 2012-13 व मार्च 2016 के संदर्भ में था। कुछ विशिष्ट गोला-बारूद के संदर्भ में सीएजी ने आकलन किया था..उन्होंने साल 2013 तथा साल 2016 में अवलोकन किया। रिपोर्ट इस खास अवधि से संबंधित है।"

उन्होंने कहा, "उसके बाद सेना उपप्रमुख को शक्तियां देने के साथ ही कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।"

जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में 18 सितंबर, 2016 को हुए आतंकवादी हमले के बाद 2,000 करोड़ रुपये के हथियार खरीद को मंजूरी दी गई थी।

उन्होंने कहा, "दुनिया में हमारी सुरक्षा स्थिति ही ऐसी है कि हमारी जरूरत अधिक से अधिक है..सरकार ने रणनीतिक भागीदारी की एक नीति लाई है, जिसके तहत निजी क्षेत्र के लिए कई मंच खोले गए हैं। देश की कई बड़ी कंपनियों ने रक्षा विनिर्माण तथा संयुक्त उद्यम शुरू किया है। प्रत्येक मंच के लिए एक कंपनी का चयन किया जाएगा।"


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