जेटली ने नोटबंदी और जीएसटी का बचाव किया
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी और जीएसटी का बचाव करते हुए कहा है कि देश की बड़ी अबादी की जरुरतों का पूरा करने के लिए सरकार को कड़े फैसले लेने पड़े हैं

नयी दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी और जीएसटी का बचाव करते हुए कहा है कि देश की बड़ी अबादी की जरुरतों का पूरा करने के लिए सरकार को कड़े फैसले लेने पड़े हैं।
श्री जेटली ने शनिवार को बर्कले इंडिया कान्फ्रेंस को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा ‘मैं उम्मीद करता हूं कि भारत एक बार फिर अपनी उच्च वृद्धि दर हासिल कर लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा... हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि न केवल हमें बड़ी आबादी की जरूरतों को पूरा करना है, बल्कि एक बड़ी युवा आबादी की जरूरतों को भी पूरा करना है’।
उन्होंने इस संदर्भ में मोदी सरकार की जीएसटी और नोटबंदी जैसी पहलों का जिक्र करते हुए कहा कि यह थोड़े कड़े फैसले जरूर है लेकिन इनका वांछित प्रभाव पड़ा है।
इन्होंने अर्थव्यवस्था में कर अनुपालन बढ़ाने और नकदी को कम करने में बड़ी भूमिका निभाई है।
उन्होंने इस धारणा को खारिज करते हुए कि स्वच्छ भारत, जीएसटी और नोटबंदी जैसी बदलाव वाली पहलों के जमीनी स्तर पर नतीजे नहीं मिले हैं दावा किया कि केंद्र और राज्य स्तर पर सरकार द्वारा किए गए इस आर्थिक सुधारों को जनता का समर्थन मिला है।
श्री जेटली ने कहा कि युवा आबादी के साथ यह अवधारणा भी बन रही है कि उनकी जरूरतों को पूरा नहीं किया जा रहा है।
इसके साथ ही यह बात भी है कि वे अब अधिक से अधिक आकांक्षी हो रहे हैं ‘इसलिए हमारे पास इसके लिए अधिक समय नहीं है, अगर अगले एक-दो दशक में भारत को उच्च आर्थिक समूह वाले देशों में शामिल होने की चुनौती पूरी करनी है, तो हमें अधिक तेज रफ्तार से बढ़ना होगा।
उन्होंने दलील दी कि अगर गंभीरता से विश्लेषण किया जाए तो कि कुछ महीने में नोटबंदी और जीएसटी के लघु अवधि के सकारात्मक नतीजे आए हैं।
उन्हाेंने कहा कि भारत जैसा एक देश जो दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और जो विकासशील से विकसित अर्थव्यवस्था बनने का आकांक्षी है, वहां कर चोरी करना और दो सेट बहीखाते रखकर आय छुपाने जैसी चीजों को सामान्य कैसे माना जा सकता है।
ऐसे में प्रणाली में बदलाव करना जरूरी है जिससे देश में नकदी कम की जा सके और एक अधिक अनुपालन वाला समाज बनाया जा सके।
नकदी की चुनौतियां का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि इससे भ्रष्टाचार और अन्य समस्याएं पैदा होती हैं।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के तत्काल बाद जम्मू-कश्मीर और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में घुसपैठ और आतंकवादी गतिविधियों में भारी कमी आई है।
अभी भी आतंकवादी घटनाएं हो रही हैं, लेकिन नोटबंदी के पहले तक 5,000-10,000 पत्थरबाजों को आतंकवादी संगठनों द्वारा पैसा दिया जाता था, पिछले 8-10 महीनों में ऐसा नहीं हो रहा।
चीजाें पर बहुत फर्क पड़ा है। वित्त मंत्री सोमवार से एक सप्ताह की अमेरिका यात्रा पर रहेंगे।
इस दौरान वह न्यूयॉर्क और बोस्टन में अमेरिकी कॉरपोरेट जगत के दिग्गजों के साथ चर्चा करेंगे और वाशिंगटन डीसी में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक की सालाना बैठक में हिस्सा लेंगे।


