Top
Begin typing your search above and press return to search.

अर्थव्यवस्था को लेकर जेटली व सुरजेवाला में ट्विटर पर छिड़ी जंग

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की टिप्पणी कि 'भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है

अर्थव्यवस्था को लेकर जेटली व सुरजेवाला में ट्विटर पर छिड़ी जंग
X

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की टिप्पणी कि 'भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है' की कांग्रेस ने गुरुवार को कड़ी आलोचना की और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार की विकास दर चार साल के निचले स्तर पर है। जेटली और सुरजेवाला में इसे लेकर ट्विटर पर गरमागरमी हुई। इससे एक दिन पहले मंत्री ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि कांग्रेस ज्यादा से ज्यादा 'विचारधारा विहीन' होती जा रही है और "मोदी-विरोध ही इसकी एकमात्र विचारधारा है।"

सुरजेवाला ने इसके जवाब में लिखा कि जेटली की पार्टी (भारतीय जनता पार्टी) 'एजेंडा-विहीन' और 'उपलब्धि-विहीन' बन रही है।

जेटली ने गुरुवार की सुबह ट्वीट किया, "(सुरजेवाला), यह एक राजनीतिक बातचीत है, दुर्व्यवहार इसका जवाब नहीं है। कृपया तथ्यों के साथ बात करें।"

इस ट्वीट के जवाब में सुरजेवाला ने कहा, "(जेटली) जी, जब आप तथ्यों को विकृत करके, कांग्रेस नेतृत्व, यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय और कई अन्य के साथ दुव्यर्वहार करते हैं और फटकारते हैं तो यह आपके लिए 'राजनीतिक बातचीत' होती है, लेकिन जब आपको अकाट्य तथ्यों के साथ 'सच का आईना' दिखाया जाता है, तो आप 'आपे से बाहर' हो जाते हैं और इसे 'दुर्व्यवहार' कहते हैं, यह सुविधा की राजनीति है।"

जेटली ने कांग्रेस नेता के ट्वीट के जवाब में कहा, "सुरजेवाला, निश्चित रूप से भारत को 'नाजुक पांच' (ब्रिक्स देशों के आर्थिक उथलपुथल का मजाक उड़ाने के लिए गढ़ा गया प्रचलित शब्द) और 'नीति पक्षाधात' की शिकार अर्थव्यवस्था से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था तक की यात्रा आर्थिक कुप्रबंधन का नतीजा नहीं हो सकती- अज्ञानता का एक और मामला।"

सुरजेवाला ने जवाब में लिखा, "मोदी सरकार के अंतर्गत विकास पांच सालों के निचले स्तर पर है, निर्यात तेजी से गिर रहा है, दो करोड़ नौकरियों का वादा जुमला निकला, एनपीए (बैंकों का फंसा कर्ज) 10 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है, बैंक शक्तिहीन है और 'लूट और घोटाला' आम है, जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) त्रुटिपूर्ण है, योजनाएं विफल हो रही हैं। क्या यह आर्थिक कुप्रबंधन नहीं है?"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it