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संसदीय समिति की बैठक में निकासी मिशन के बारे में जानकारी देंगे जयशंकर!

विदेश मामलों पर संसद की सलाहकार समिति की गुरुवार को यहां बैठक होगी और इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर की ओर से समिति के सदस्यों को यूक्रेन से भारतीय नागरिकों एवं छात्रों को निकालने के बारे में जानकारी देने की संभावना है

संसदीय समिति की बैठक में निकासी मिशन के बारे में जानकारी देंगे जयशंकर!
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नई दिल्ली। विदेश मामलों पर संसद की सलाहकार समिति की गुरुवार को यहां बैठक होगी और इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर की ओर से समिति के सदस्यों को यूक्रेन से भारतीय नागरिकों एवं छात्रों को निकालने के बारे में जानकारी देने की संभावना है।

उम्मीद है कि जयशंकर 'ऑपरेशन गंगा' के तहत निकासी अभियान की प्रगति और युद्धग्रस्त देश में फंसे बाकी भारतीयों को एयरलिफ्ट करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में समिति को सूचित कर सकते हैं। बैठक का समय सुबह 11 बजे निर्धारित है।

रूस द्वारा यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू करने के बाद संसदीय समिति बदलती भू-राजनीतिक स्थिति में भारत के रुख पर सवाल उठा सकती है।

सरकार हाल ही में हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक और संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भारत के मतदान से दूर रहने के कारणों की व्याख्या भी कर सकती है।

मंत्री पैनल को इस बारे में जानकारी दे सकते हैं कि सरकार ने कैसे सक्रिय कदम उठाए हैं और चार मंत्रियों को ऑपरेशन गंगा के तहत निकासी मिशन की निगरानी के लिए पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया और हंगरी भेजा जा रहा है।

इस समिति के एक सदस्य, कांग्रेस नेता राहुल गांधी निकासी मिशन, विशेष रूप से क्षेत्र-वार जानकारी का विवरण मांग सकते हैं।

इससे पहले दिन में, राहुल गांधी ने हिंदी में किए गए एक ट्वीट में कहा, "और त्रासदी ना हो इसके लिए केंद्र सरकार को बताना होगा कि आखिर कितने छात्रों को बचाकर लाया जा चुका है? कितने अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं? हर क्षेत्र के लिए विस्तृत निकास प्लान क्या है? इन परिवारों को एक स्पष्ट रणनीति बताना हमारी जिम्मेदारी है।"

कांग्रेस के अन्य सदस्य शशि थरूर और राज्यसभा में पार्टी के उपनेता आनंद शर्मा भी बैठक में भाग लेंगे।

इस बीच, जयशंकर ने 'ऑपरेशन गंगा' के घटनाक्रम के बारे में अपडेट किया और एक ट्वीट संदेश में कहा, "पिछले 24 घंटों में छह उड़ानें भारत के लिए रवाना हुई हैं। इनमें पोलैंड से पहली उड़ान शामिल हैं। यूक्रेन से 1377 और भारतीय नागरिकों को वापस लाया गया है।"

वारसॉ (पोलैंड) में भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने पश्चिमी यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए पोलैंड सीमा पर एक नए प्रवेश बिंदु की पहचान की है।

भारतीय दूतावास द्वारा जारी नवीनतम सलाह के अनुसार, अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में ल्वीव और टेरनोपिल और पश्चिमी यूक्रेन के अन्य स्थानों में फंसे भारतीय पोलैंड में अपेक्षाकृत जल्दी प्रवेश के लिए 'बुडोमिर्ज' सीमा चेक-प्वाइंट के लिए जल्द से जल्द यात्रा कर सकते हैं।

एडवाइजरी में कहा गया है, "वैकल्पिक रूप से, उन्हें हंगरी या रोमानिया के माध्यम से पारगमन के लिए दक्षिण की यात्रा करने की सलाह दी जाती है।"

अधिकारियों ने यह भी कहा कि युद्धग्रस्त शहर के पश्चिमी हिस्से में फंसे या रहने वाले भारतीयों को शेहनी-मेड्यका सीमा पार करने से बचना चाहिए, जहां भीड़भाड़ बनी हुई है।

भारतीय दूतावास ने सभी भारतीयों के निकासी सुनिश्चित करने और भारत की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए मेड्यका और बुडोमिर्ज सीमा चौकियों में अपने अधिकारियों को भी तैनात किया है।


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