जैश का टाप का आतंकी साथी समेत मार गिराया,एलओसी पर पाक गोलाबारी में जवान शहीद
सुरक्षाबलों ने कश्मीर में जैश ए मुहम्मद के एक टाप के आतंकी कमांडर को मार गिरा कर उसकी कमर तोड़ने का दावा किया

जम्मू। सुरक्षाबलों ने कश्मीर में जैश ए मुहम्मद के एक टाप के आतंकी कमांडर को मार गिरा कर उसकी कमर तोड़ने का दावा किया है। इस बीच पाक सेना ने मच्छेल सेक्टर में गोलाबारी कर एक जवान की जान ले ली है। जवाबी कार्रवाई में पाक सेना को भी क्षति पहुंची है।
शोपियां जिले में सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए। मारे गए आतंकियों में से एक जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर था जिसकी पहचान पाकिस्तान मूल के मुन्ना लाहौरी के रूप में की गई है। उसे बिहारी के नाम से भी जाना जाता था। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद में उसका काम समूह में भर्ती हुए नए आतंकियों को आईईडी बनाने की ट्रेनिंग देना था। मुन्ना लाहौरी आईईडी बनाने में माहिर था। मुठभेड़ में मारा गया पाकिस्तान का टॉप जैश कमांडर पिछले महीने एक कार विस्फोट के लिए जिम्मेदार था, जिसमें सेना के दो जवान शहीद हो गए थे।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मुन्ना लाहौरी, एक पाकिस्तानी नागरिक था जो कश्मीर में कई नागरिकों की हत्या का जिम्मेदार था। लाहौरी 30 मार्च को बनिहाल में सुरक्षाबलों के काफिले पर हुए एक कार विस्फोट के लिए जिम्मेदार था। 17 जून को पुलवामा के अरिहल में सेना के वाहन पर एक घातक कार विस्फोट हुआ था जिसमें दो सैनिक मारे गए थे और दो नागरिकों सहित नौ अन्य घायल हो गए थे इसके लिए भी लाहौरी को जिम्मेदार माना जाता है।पाक गोलाबारी में जवान शहीद
इस बीच उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के मच्छेल सेक्टर में पाक सेना ने एकबार फिर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। शनिवार सवेरे पाक सेना ने एलओसी पर फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान सेना का एक जवान शहीद हो गया। जवान की पहचान 57 राष्ट्रीय रायफल्स के लांस नायक राजेंद्र सिंह के रूप में की गई है। इससे पहले पाक सेना ने 23 जुलाई को पुंछ के मालटी, मनकोट और कृष्णा घाटी सेक्टर में सेना की चौकियों के साथ ही रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर गोलाबारी की थी। वहीं इसके पहले चार दिन में लगातार तीन बार पाकिस्तान ने गोलाबारी की।
22 जुलाई को भी पल्लांवाला तथा गुलपुर सेक्टर में गोले दागे गए थे, जिसमें एक जवान शहीद हो गया था व एक अन्य घायल हुआ था। इससे पहले 20 जुलाई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दौरे के दौरान पुंछ व राजोरी जिले के पांच सेक्टरों में सेना की चौकियों के साथ ही रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया बनाया गया था जिसमें एक ग्रामीण की मौत हो गई थी, जबकि एक अन्य घायल हो गया था।


