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समान नागरिक संहिता पर चर्चा का जयराम रमेश का आग्रह

वरिष्ठ कांग्रेस नेता व राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने मंगलवार को सभापति एम.वेंकैया नायडू से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर विधि आयोग की 2018 की रिपोर्ट पर चर्चा शुरू करने का आग्रह किया

समान नागरिक संहिता पर चर्चा का जयराम रमेश का आग्रह
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नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता व राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने मंगलवार को सभापति एम.वेंकैया नायडू से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर विधि आयोग की 2018 की रिपोर्ट पर चर्चा शुरू करने का आग्रह किया। जयराम ने सरकार से जानकारी साझा करने के लिए कहा कि आयोग की सिफारिशों पर क्या कार्रवाई की गई है।

उन्होंने कहा कि आयोग ने एक परामर्श पत्र में कहा कि यूसीसी इस स्तर पर न तो आवश्यक है और न ही वांछनीय है।

शून्य काल में मुद्दे को उठाते हुए जयराम रमेश ने कहा कि विधि आयोग ने 2016 में सरकार द्वारा दिए गए संदर्भ पर काम करते हुए 31 अगस्त, 2018 को परिवार कानून सुधार पर एक परामर्श पत्र पेश किया।

जयराम ने कहा, "31 अगस्त, 2018 को विधि आयोग ने 185 पृष्ठों का परामर्श पत्र जारी किया, जिसे परिवार कानून सुधार (रिफॉर्म ऑफ फैमिली लॉ) कहा गया है। इसके चार अध्याय हैं- विवाह और तलाक, हिरासत और संरक्षकता, गोद लेना और रखरखाव, उत्तराधिकार और विरासत। अनिवार्य रूप से विवाह और तलाक के अध्याय ने रिपोर्ट में सबसे ज्यादा जगह मिली है।"

उन्होंने कहा कि परामर्श पत्र में आयोग ने समान नागरिक संहिता प्रदान करने के बजाए भेदभावपूर्ण कानून से निपटने का कार्य किया है, जो इस चरण में न तो आवश्यक है और न ही वांछनीय है।

उन्होंने कहा कि परामर्श पत्र में आयोग ने कहा है कि भारतीय संस्कृति की विविधता को मनाया जाना चाहिए और समाज के विशिष्ट समूहों या कमजोर वर्गो को इस प्रक्रिया में विशेषाधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।

जयराम ने नायडू से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए समय तय किए जाने का आग्रह किया। इस पर उत्तर देते हुए नायडू ने कहा, "हम इस पर वर्षो से साथ में चर्चा कर रहे हैं और इस पर आगे चर्चा किए जाने की जरूरत है।"


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