जैन कमीशन ने दी मंदसौर गोलीकांड में पुलिस को क्लीन चिट
मंदसौर गोलीकांड पर करीब 9 महीने बाद जब जेके जैन कमीशन की रिपोर्ट आई, तो लगा कि अब किसानों को इंसाफ मिलेगा लेकिन यहां तो जांच कमेटी ने सारा दोष अन्नादाओं पर ही मढ़ दिया

नई दिल्ली। मंदसौर गोलीकांड पर करीब 9 महीने बाद जब जेके जैन कमीशन की रिपोर्ट आई, तो लगा कि अब किसानों को इंसाफ मिलेगा लेकिन यहां तो जांच कमेटी ने सारा दोष अन्नादाओं पर ही मढ़ दिया।
गोलियां चलाने वाले पुलिस वालों को क्लीन चिट दे दी। मामले की जांच कर रही जैन कमेटी ने मंदसौर गोलीकांड पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी हैं।
पिछले साल 6 जून को मध्यप्रदेश के मंदसौर में हुए गोलीकांड को कौन भूल सकता है आज भी गोलियों की आवाज लोगों के कानों में गूंजती है हर किसी ने देखा था कि किस कदर अपना हक मांग रहे किसानों पर पुलिस ने बर्बता की थी अन्नदाताओं की आवाज को खामोश करने के लिए उनपर गोलियां बरसाई थी।
मंदसौर गोलीकांड में हुई 6 किसानों की मौत के लिए हर कोई खाकी को जिम्मेदार बताता है। लेकिन सरकार की जांच कमेटी को लगता है कि पुलिस ने कुछ किया ही नहीं, वो तो बेकसूर है। कश्मीन ने कहा कि पुलिस ने मामले को शांत करवाने के लिए गोली चलाई थी हालांकि उन्हें पैर पर गोली मारनी चाहिए थी।
जांच कमीशन ने सीधे-सीधे अपनी रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन और पुलिस को पाक साफ बताया है। करीब एक साल तक चली जांच के बाद आयोग ने अपनी रिपोर्ट में ये भी दावा किया है कि किसानों की मौत के पीछे मंदसौर के तत्कालीन जिला कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक ओपी त्रिपाठी की कोई भूमिका नहीं है। जबकि स्वतंत्र कुमार और ओपी त्रिपाठी दोनों को इस घटना के बाद सस्पेंड कर दिया गया था।
आपको बता दें कि जैन आयोग का गठन मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के रिटायर्ट जज जेके जैन की अध्यक्षता में पिछले साल किया गया था। इसी आयोग को जांच की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन इस कमीशन ने तो कसूरवारों को ही बेकसूर बता दिया।
इसके बाद सवाल उठता है कि जब पुलिस जिम्मेदार नहीं प्रशासन जिम्मेदार नहीं सरकार से कोई मतलब नहीं, तो आखिर कौन है किसानों की मौत का कसूरवार?


