कानून के राज की स्थापना के लिए जेल प्रशासन को सुसज्जित किया जाना जरुरी : योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानून के राज की स्थापना के लिए अपराधाें पर नियंत्रण के लिए जेल प्रशासन को सुसज्जित किया जाना आवश्यक है

अम्बेडकरनगर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानून के राज की स्थापना के लिए अपराधाें पर नियंत्रण के लिए जेल प्रशासन को सुसज्जित किया जाना आवश्यक है।
श्री योगी ने आज यहां 105 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित 970 बन्दियों की क्षमता और आधुनिक संचार व्यवस्थाओं से सुसज्जित नये जेल भवन का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सभी जिलों में आवश्यक सुविधाएं एवं प्रशासनिक इकाइयां स्थापित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। किसी भी जिले के लिए जेल एक महत्वपूर्ण अंग है। कानून के राज की स्थापना के लिए अपराधाें पर नियंत्रण के लिए जेल प्रशासन को सुसज्जित किया जाना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगभग एक लाख कैदी हैं, यह संख्या प्रदेश के जेलों की क्षमताओं से कई गुना ज्यादा है। उन्होंने कहा कि जेलों में प्रभावी जेल प्रशासन की व्यवस्था आवश्यक है। इसके लिए जेलों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है और इनमें सीसीटीवी कैमरों इत्यादि लगाये जा रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अम्बेडकरनगर में जेल बनने से यहां के कैदी इस जिले में ही रहेंगे तथा उनके विरुद्ध दर्ज मामलों की प्रभावी पैरवी करके समय से न्याय सुनिश्चित किया जा सकेगा। इससे स्थानीय प्रशासन को मदद मिलेगी तथा अतिरिक्त बल तैनात नहीं करना पड़ेगा। संगीन एवं जघन्य अपराधों में निरुद्ध कैदियों के खिलाफ प्रभावी पैरवी में भी मदद मिलेगी। अम्बेडकरनगर के जेल में प्रभावी संचार व्यवस्था स्थापित की गई है। इसमें सीसीटीवी कैमरे भी स्थापित किए गए है। इस जेल में वीडियो काॅन्फ्रेंसिग के माध्यम से गम्भीर अपराधाें के ट्रायल की व्यवस्था की गई है। इसमें 30 बन्दियों के लिए हाई सिक्योरिटी 25 बेड का अस्पताल भी बनाया गया है।
श्री योगी ने कहा कि अभी हाल ही में लखनऊ में जेलाें की निगरानी के लिए वीडियो वाॅल का शुभारभ किया गया है। इससे जेल की गतिविधियो की निगरानी की जाएगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी लाने एवं अपराधियों को त्वरित दण्ड दिलाने के लिए आज ही कैबिनेट द्वारा 218 नये फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने का फैसला लिया गया है। इनमें महिलाओं के विरुद्ध घटित अपराधाें के साथ-साथ पाॅक्सो एक्ट के मामलों का भी ट्रायल किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि छोटी-मोटी घटनाओं के कारण निरुद्ध सामान्य कैदियों, के लिए जेल में रोजगार की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, उनके लिए कुटीर उद्योगों पर आधारित काम शुरू किये जायेंगे और उनका दैनिक मानदेय भी बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि विगत माह में छोटे-मोटे मुद्दों पर धरना प्रदर्शन करने वाले 20 हजार सामान्य व्यक्तियों, जो आईपीसी 188 के तहत पाबन्द तथा बन्द थे, को रिहा किया गया। इसमें कानूनी कार्यवाही नियमानुसार की गयी।


