मनरेगा फर्जीवाड़े को रफा-दफा करने की कोशिश
जगदलपुर ! जिला मुख्यालय से महज दो किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत सरगीपाल में सरकारी धनराशि के फर्जी तरीके से बंदरबाट की शिकायत ग्रामीणों ने कलेक्टर से की थी।

सरपंच, सचिव , उपयंत्री और रोजगार सहायक पर ग्रामीणों ने लगाया है आरोप
जगदलपुर ! जिला मुख्यालय से महज दो किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत सरगीपाल में सरकारी धनराशि के फर्जी तरीके से बंदरबाट की शिकायत ग्रामीणों ने कलेक्टर से की थी। मामला बेहद संजीदा है क्योकि जरूरतमंद गरीब किसानों की भूमि सुधार कार्य तो अलबत्ता नहीं हुआ बल्कि पंचायत सहित संबंधित सरकारी मुलाजिमों ने फर्जी मस्टररोल द्वारा लाखों रूपये की राशि आहरण कर डकार गये। मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही किये जाने की मांग करते हुए ग्रामीणों ने फिर से कलेक्टर अमित कटारिया व जिला पंचायत सीईओ रितेश अग्रवाल को पुन: आवेदन सौंपा।
विदित हो कि 2014-2016 तक ग्राम पंचायत सरगीपाल के जरूरतमंद किसान राजेन्द्र पिता लैखन, दयानिधी पिता बुटु, मंगडू पिता चंदर, विजय पिता भोलाराम, सोनिया पिता चिंगडू एवं रघुनाथ पिता चमरा सहित कुछ ग्रामिणों ने भूमि मरम्मत कराने के मकसद से जनपद मुख्यालय में अर्जी लगाई। जनपद से कार्य करने की हरी झंडी मिलने पर नियमानुसार ग्राम पंचायत सरगीपाल को कार्य एजेन्सी के रूप में नियुक्त किया गया। इनमें पंचायत के सरपंज, सचिव, रोजगार सहायक एवं विभागीय सब-इंजीनियर को भूमि सुधार कार्य करने की जवाबदेही मिली। कार्य शुरू होते ही एजेन्सी अपने दिशा से भटक गई और नियम विरूद्ध कार्य को अंजाम देने लगी। परिणाम स्वरूप किसानों में नाराजगी बढऩे लगी. कायदे से मनरेगा योजना के तहत इस कार्य को कराने के लिए मजदूरों की जरूरत पड़ती है, ताकि उन्हें रोजगार मुहैय्या कराया जा सके लेकिन एजेन्सी ने मजदूरों की अनदेखी कर जेसीबी और ट्रेक्टर से कार्य को अंजाम दिया. बेहद गंभीर बात यह है कि भूमि मरम्मत कार्य में राजेन्द्र पिता लैखन मस्टररोल क्रमांक 970, 971,972 दि. 03/06/2015 एवं दयानिधी पिता बुटु मास्टररोल क्रमांक 315 दिनांक 04/04/2016, 2602 दि. 16/05/2016, 3107 दि. 23/05/2016, 3108 दिनांक 23/05/2016, 3105 दि. 23/05/2016, 3106 दि. 23/5/2016, 4152, 4153, 4154, 4155, 4156, 4157 दि. 06/06/2016, की खेती जमीन में कार्य नहीं किया गया परंतु कार्य एजेन्सी ने फर्जी मस्टररोल बनाकर, लाखों रूपये निकालकर आपस में हजम कर लिए. जागरूख ग्रामीणों ने इस आर्थिक गड़बड़ घोटाला का पर्दाफाश करने के लिए लामबंद होकर कलेक्टर कार्यालय के सामाजिक आंकेक्षण विभाग में शिकायत सरपंच मोहन नाग, सचिव श्रीमती निलंती सेठिया, रोजगार सहायक जलंधर यादव एवं उपयंत्री जीतेन्द्र साहू ने यह धोखा धड़ी की थी। इनकी फरियाद को अधिकारियों ने दरकिनार कर दिया और यह मामले की जांच नहीं हो पाई अब लामबंद किसानों ने कलेक्टर अमित कटारिया, कमीश्रर दिलीप वासनीकर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत रितेश अग्रवाल से शिकायत करने की ग्रामीण किसानों ने ठानी है।
किसान राजेन्द्र पिता लेखन ने बताया कि 4 मार्च 2014 को भूमि सुधार हेतु 48 हजार 500 रूपये की राशि स्वीकृत हुई थी। किन्तु उसके भूमि पर किसी भी प्रकार का सुधार कार्य आज पर्यन्त नहीं किया गया है। वहीं किसान दयानीधि पिता बुटू ने बताया कि 30 दिसम्बर 2015 को भूमि सुधार कार्य हेतु एक लाख 47 हजार 600 रूपये स्वीकृत हुआ था इसकी जानकारी मुझे सुचना के अधिकार के माध्यम से पता चला। किन्तु उस दौरान मेरे खेत पर किसी भी तरह का भूमि सुधार कार्य नहीं किया गया था। पिछले माह रोजगार सहायक जलन्धर यादव ने जेसीबी लाकर खेत समतलीकरण करते हुए 20 टे्रक्टर मिट्टी खोदकर दूसरी जगह डाला है। उक्त कार्य में लगे टे्रक्टर मालिक आशा राम ने उक्त कार्य की पुष्टि करते हुए बताया कि रोजगार सहायक ने प्रति ट्रीप 100 रूपये की दर से मिट्टी परिवहन का कार्य करवाया और उक्त मिट्टी की खुदाई जेसीबी मशीन के द्वारा किया गया था। उसने यह भी बताया कि रोजगार सहायक से किसान दयानीधि की भूमि सुधार हेतु कितनी राशि स्वीकृत हुई है इस पर रोजगार सहायक ने कहा कि जितना कार्य कराने के लिए साहब ने कहा था वह करवा दिया हुं राशि के विषय में मुझे कोई जानकारी नहीं है।
मालूम हो कि जिला पंचायत मुख्यालय से सटे सरगीपाल ग्राम पंचायत में कई वर्षों से शासकीय योजनाओं में आर्थिक गड़बड़ी की जा रही है। उदाहरण बतौर मूलभूत योजना, तेरहवां वित्त, चौदहवां वित्त, इंदिरा आवास योजना, गौण खनिज व शौचालय निर्माण कार्यों में भी आर्थिक अनियमितता की गई है। इसकी भी जांच किये जाने की मांग ग्रामीण कई बाद अधिकारियों से कर चुके है पर अब तक उन्हें न्याय नहीं मिल पाया है। फिर से एक बार इन अनियमितताओं की शिकायत कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग करते हुए कलेक्टर को जनदर्शन में शिकायत करने की बात ग्रामीणों ने कही है।
जगदलपुर जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी निर्भय साहु ने बताया कि उक्त संबंध में किसी व्यक्ति द्वारा सुचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई थी जो उन्हें उपलब्ध करा दी गई है। जो कार्य हो गये है उनका भुगतान भी कर दिया गया है और कुछ कार्य प्रारंभ नहीं हुये है तो उनका भुगतान भी नहीं किया गया है। कार्य में अनियमितता के संबंध में पूछने पर उन्होंने बताया कि इससे अधिक जानकारी इस संबंध में उन्हें नहीं है।


