जाफराबाद हिंसा : डीसीपी की गाड़ी जलाई, दुकानों व घरों में तोड़फोड़
पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद और मौजपुर इलाके में हुई हिंसक झड़पों व पत्थरबाजी में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई।

नई दिल्ली | पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद और मौजपुर इलाके में हुई हिंसक झड़पों व पत्थरबाजी में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई। रतनलाल नामक यह शहीद पुलिसकर्मी एसीपी गोकुलपुरी दफ्तर में तैनात था। यहां नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे और कानून के समर्थकों के बीच झड़प हुई। हिंसक लोगों की भीड़ को तितर-बितर करने पहुंचे पुलिसकर्मियों पर लोगों ने ईंट-पत्थर बरसाए। इस हमले में हेड कांस्टेबल रतनलाल पूरी तरह जख्मी हुए और उनकी मौत हो गई।
उपद्रवियों ने यहां पुलिस को अपना निशाना बनाया। जहां एक और पुलिस के ऊपर ईंट पत्थर बरसाए गए, वहीं डीसीपी शाहदरा की गाड़ी को भी दंगाइयों ने आग के हवाले कर दंगाइयों ने आग के हवाले कर के हवाले कर दिया। इस हमले में डीसीपी समेत कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं। जाफराबाद, मौजपुर, गोकुलपुरी समेत आसपास के कई इलाकों में सोमवार दोपहर घंटों तनाव की स्थिति बनी रही। पुलिस ने आंसूगैस के गोले छोड़कर उपद्रवियों को तितर-बितर करने का प्रयास किया।
हिंसा पर उतारू उपद्रवियों ने गोकुलपुरी व आसपास के इलाके में दुकानों और कुछ घरो में तोड़फोड़ की। यहां पुलिस के अलावा अन्य वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, हिंसा में शामिल कुछ लोग यहां देसी तमंचे से गोलियां चलाते हुए देखे गए।
सोमवार दोपहर में घंटों तक हिंसा व आगजनी की वारदातें यहां होती रहीं। पुलिस के मौके पर पहुंचने पर उपद्रवी मुख्य सड़कों से भागकर गलियों में घुस गए। पुलिस के दूसरी ओर बढ़ने के तुरंत बाद ये लोग छोटे-छोटे गुटों में इकट्ठा होकर शेर से सड़कों पर एकट्ठा होने लगे। इनमें से कई लोगों ने पुलिस व मौके पर मौजूद अन्य लोगों पर पत्थर बरसाए।
हिंसा की इन वारदातों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "मैंने अभी एलजी साहब से बात की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि और पुलिस फोर्स भेजी जा रही है। किसी के भी द्वारा हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मेरी सभी लोगों से विनती है कि कृपया शांति बनाए रखें। हिंसा से कोई समाधान नहीं निकलेगा।"
मुख्यमंत्री ने हेड कांस्टेबल रतनलाल के निधन पर शोक जताते हुए कहा, "पुलिस हेड कांस्टेबल की मौत बेहद दुखदायी है। वो भी हम सब में से एक थे। कृपया हिंसा त्याग दीजिए। इससे किसी का फायदा नहीं। शांति से ही सभी समस्याओं का हल निकलेगा।"
घटनास्थल पर मौजूद जावेद उर्फ छोटू ने आरोप लगाया कि उनके सीएए विरोधी शांतिपूर्ण प्रदर्शन को कुछ अज्ञात तत्वों ने निशाना बनाने की कोशिश की। जावेद ने बताया, "प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों ने अपशब्दों का इस्तेमाल किया और फिर पत्थर बरसाए। इसके जवाब में दूसरी ओर से भी पत्थरबाजी की गई।"
मौके पर मौजूद सीएए समर्थक कई लोगों ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को जिम्मेदार ठहराया। नरेंद्र सिंह बोनी ने कहा, "यहां ये लोग दो दिन से रास्ता घेरकर बैठे हैं। बच्चे स्कूल नहीं आ-जा सके। लोग अपनी नौकरी पर नहीं जा पा रहे। मेट्रो स्टेशन इनके कारण बंद पड़ा है, लेकिन बार-बार समझाने पर भी धरना दे रहे लोग किसी की समस्या की ओर ध्यान देने को तैयार नहीं हैं।"


