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मजदूरों से भरा वाहन पलटा, 11 की मौत

जबलपुर ! तेंदूपत्ता तोडऩे के लिए ले जाए जा रहे मजदूरों से भरा वन विभाग का वाहन पलटने से यहां 11 मजदूरों की मौत हो गई और 15 घायल हो गए।

मजदूरों से भरा वाहन पलटा, 11 की मौत
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वन विभाग के वाहन को शराब पीकर चला रहा था ठेकेदार का ड्रायवर

जबलपुर ! तेंदूपत्ता तोडऩे के लिए ले जाए जा रहे मजदूरों से भरा वन विभाग का वाहन पलटने से यहां 11 मजदूरों की मौत हो गई और 15 घायल हो गए। इस पूरे मामले में वन विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हो रही है, विभाग ने अपनी सरकारी गाड़ी तेंदूपत्ता ठेकेदार को मजदूर लाने के लिए दी थी, वाहन को ठेकेदार का ड्राइवर शराब पीकर चला रहा था। इस वाहन में 35 मजदूर सवार थे। 4 गंभीर घायलों को जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है।
जानकारी के मुताबिक तेंदूपत्ता ठेकेदार महाराष्ट्र के गोंदिया से इन मजदूरों को लेकर देर रात ट्रेन से जबलपुर आया था। इसके बाद वहां से इन्हें चरगंवा लाया जा रहा था, तभी वाहन एक पुलिया से टकराकर नीचे जा गिरा। इस दौरान मौके पर ही 10 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि एक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस बात की जानकारी जैसे ही वन विभाग को लगी, देर रात ही आनन-फानन में पुलिया से नीचे गिरी गाड़ी को उठा लिया गया, जब मौके पर पुलिस पहुंची तो वहां गाड़ी नहीं थी। आरोप ही की वन विभाग ने अपनी लारवाही छिपाने के लिए गाड़ी को वहां से हटा दिया। सूचना मिलने के बाद पुलिस और एंबुलेंस मौके पर पहुंची और घायलों को तुरंत मेडिकल अस्पताल ले जाया गया। सभी मजदूर महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के डुग्गीपार इलाके के अलग-अलग गांवों के रहने वाले हैं। डीएफओ व्ही रहीन ने बताया कि पिकअप वाहन एमपी 02 एव्ही 5635 चरगवां वन चौकी का है। चरगवां क्षेत्र के तेन्दुपत्ता तोडऩे का ठेका गोदिया की कंपनी मित्तल ट्रेडिंग कम्पनी को दिया गया था। बिना तोड़े तेन्दुपत्ता की पैकिंग करने में पूरे देश में गोदिंया के मजदूर महारथ रखते हैं। मजदूरों को विभाग के वाहन से किसके निर्देश पर और क्यों लेने गया, इसकी जांच के लिए एसडीओ जबलपुर सहित दो सदस्यों की कमेटी गठित की गयी है। इसके अलावा वाहन में सवार वन रक्षक को निलंबित कर दिया गया है। ड्रायवर वन विभाग का नियमित कर्मचारी नहीं है वह इस मामले में पुलिस अभिरक्षा में है।
जांच के आदेश, मृतकों के परिजनों को 1-1 लाख की सहायता
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुर्घटना पर दु:ख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 1-1 लाख, गंभीर घायलो को 50-50 हजार और मामूली घायलों को 25-25 हजार रुपए सहायता देने की घोषणा की है। वहीं जबलपुर कलेक्टर महेश चौधरी ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 15-15 हजार रुपए, जबकि घायलों को 5-5 हजार रुपए की तात्कालिक मदद की घोषणा की है।

मृतकों के नाम
बुधराम पिता लक्खू (40), चुन्नी लाल पिता दायाराम चौधरी (35), लच्छू पिता कुंवरलाल चौधरी (30), रामनाथ पिता गनपत सरोते (40), तुलाराम पिता हरिशचंद्र मोयरे (35), प्रदीप पिता माऊराव हल्वी (19), छगन पिता नीलकंठ कामड़े (30), शंकर पिता रामकृष्ण मसकोड़े (35), गनेंद्र पिता तेजराम (35), टुमेश्वर पिता दयाराम मोयर (32), संतू पिता दामा शिंदे (53)।

2 महीने में दूसरा बड़ा हादसा
बताया जाता है, कि चरगवां में 2 महीने में यह दूसरा बड़ा हादसा है, जिसमें कई मजदूरों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इससे पहले 27 मार्च को कमतिया में सुबह 8 बजे टाटा 407 के पलट जाने से 16 मजदूरों की मौत हो गई थी।


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