नर्मदा यात्रा बनेगी स्वर्णिम मध्यप्रदेश की आधार-शिला
जबलपुर ! नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए 115वें दिनों से चल रही 'नमामि देवी नर्मदे''-सेवा यात्रा के आज यहां पहुंचने पर वक्तओं ने कहा कि यह यात्रा वास्तव में स्वर्णिम मध्यप्रदेश की आधार-शिला

जबलपुर ! नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए 115वें दिनों से चल रही 'नमामि देवी नर्मदे''-सेवा यात्रा के आज यहां पहुंचने पर वक्तओं ने कहा कि यह यात्रा वास्तव में स्वर्णिम मध्यप्रदेश की आधार-शिला बनेगी।
वक्ताओं ने कहा कि यात्रा के माध्यम से माँ नर्मदा ही नहीं अन्य नदियों के संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता आएगी। नदियाँ यदि संरक्षित होंगी तो प्रदेश का विकास सुनिश्चित है। जिले के ग्राम जमखार, गुदरई, सुनाचर, मनकेड़ी, कुसली, इमालिया, उमारिया, सुरई और नटवारा में जनसंवाद में यह बात वक्ताओं ने कही।
इस यात्रा के जबलपुर जिले के ग्राम उमरिया में पहुंचने पर मुस्लिम समुदाय ने पुष्प-वर्षा कर यात्रा का स्वागत किया। शेख रूस्तम खॉन ने सिर पर नर्मदा कलश रखकर यात्रा में सह-भागिता की। इनके साथ ही जमील, अमील, शेख बशीर ,शेख नूर मोहम्मद, शेख शुकरुद्दीन सहित अन्य मुस्लिम यात्रा का ध्वज लेकर चले।
जन-संवाद में महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद गिरि ने बताया कि नर्मदा नदी ने अपनी कमज़ोर होती शिप्रा, गंभीर और साबरमती नदी को जीवनदान दिया है। अब हमें नर्मदा की क्षीण होती धारा को सशक्त बनाना है। 2 जुलाई को नर्मदा के दोनों तटों पर एक-एक किलोमीटर की परिधि में मिट्टी की तासीर के अनुसार पौधे लगाए जायेंगे।
यात्रा के प्रदेश संयोजक डॉ जितेन्द्र जामदार ने कहा कि माँ नर्मदा का कर्ज़ चुकाने के लिये यह यात्रा निकाली गई है। उन्होंने कहा कि अपनी माँ तो सिर्फ डेढ़-दो साल ही दूध पिलाती है जबकि मॉं नर्मदा जन्म से लेकर मृत्यु तक जल पिलाती है। नर्मदा नदी को जानवर नहीं मानव ही दूषित करते हैं। अत: इसे स्वच्छ करने की जिम्मेदारी भी हमारी ही है।


