ट्रिपल-आईटी से छत्तीसगढ़ को मिली विश्व स्तरीय पहचान
रायपुर ! मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह मंगलवार 14 फरवरी को अपरान्ह 3.30 बजे नया रायपुर में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आईटी) के द्वितीय चरण के

मुख्यमंत्री कल करेंगे ट्रिपल-आईटी के द्वितीय चरण के निर्माण कार्यों का भूमिपूजन
रायपुर ! मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह मंगलवार 14 फरवरी को अपरान्ह 3.30 बजे नया रायपुर में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आईटी) के द्वितीय चरण के निर्माण कार्यों का भूमिपूजन और शिलान्यास करेंगे। उल्लेखनीय है कि डॉ. रमन सिंह की परिकल्पना के अनुरूप यह संस्थान अपनी स्थापना के सिर्फ ढाई साल के भीतर सूचना टेक्नॉलाजी की शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में कामयाब साबित हुआ है। यह संस्थान सूचना टेक्नॉलाजी के प्रमुख अनुसंधान केन्द्र के रूप में भी उभर रहा है। अपनी स्थापना की इस छोटी सी अवधि में संस्थान में सीटों की संख्या 80 से बढक़र 120 हो गई है। इनमें से 50 प्रतिशत सीटें छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासी के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित की गई हैं।
ट्रिपल-आईटी के कुलपति और निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार सिन्हा ने बताया कि नया रायपुर में ट्रिपल-आईटी की स्थापना 50 एकड़ के रकबे में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रम राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एन.टी.पी.सी) के सहयोग से की गई है। प्रथम चरण में लगभग 25 एकड़ के रकबे में 200 करोड़ रूपए की लागत से इसके विशाल और भव्य शैक्षणिक भवनों का निर्माण किया गया है। डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में केन्द्रीय ऊर्जा और कोयला राज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 23 जून 2015 को संस्थान का लोकार्पण किया था। संस्थान का शैक्षणिक सत्र जुलाई 2015 में कम्प्यूटर विज्ञान और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की शाखाओं में 80 छात्रों के साथ शुरू हुआ था। संस्थान में पी-एच.डी. और पंचवर्षीय बी.टेक-एम.टेक एकीकृत पाठ्यक्रम नये सत्र 2016 से शुरू किए गए हैं। बी.टेक पाठ्यक्रम की 80 सीटों को बढ़ाकर 120 कर दिया गया है। संस्थान के इन पाठ्यक्रमों में अखिल भारतीय संयुक्त इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (जे.ई.ई.) की मुख्य परीक्षा के रैंक के आधार पर प्रवेश दिया जाता है। उन्होंने बताया कि नया रायपुर के ट्रिपल-आईटी में आज देश के जाने-माने तकनीकी शिक्षा संस्थानों से पी-एच.डी. डिग्रीधारक 13 प्राध्यापक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। डॉ. सिन्हा ने बताया कि 50 एकड़ के इस आवासीय कैम्पस में विद्यार्थियों को छात्रावास और ई-क्लासरूम सहित शिक्षा की सभी आधुनिक सुविधाएं दी जा रही हैं। उनके लिए उच्च स्तरीय ग्रंथालय भी बनाया गया है। सम्पूर्ण परिसर में वाई-फाई की सुविधा है। उनके लिए खेल और मनोरंजन के आधुनिक उपकरण भी वहां उपलब्ध कराए गए हैं। विद्यार्थियों कौशल विकास पर संस्थान में विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। संस्थान में समय-समय पर विषय-विशेषज्ञों को आमंत्रित कर संगोष्ठी आदि का भी आयोजन किया जा रहा है।


