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धर्म के आधार पर पहचान मांगना गलत है : नंदिता दास

फिल्म अभिनेत्री नंदिता दास ने कहा है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कि लोगों से धर्म के आधार पर पहचान मांगी जा रही है

धर्म के आधार पर पहचान मांगना गलत है : नंदिता दास
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जयपुर। फिल्म अभिनेत्री नंदिता दास ने कहा है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कि लोगों से धर्म के आधार पर पहचान मांगी जा रही है।

यहां जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल-2020 में शिरकत करने आई नंदिता दास ने पत्रकारों से कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, लेकिन पहली लोगों से धर्म के आधार पर पहचान मांगी जा रही है। हालांकि इसका विरोध हो रहा है। छात्रों ने इसकी शुरुआत की है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है, इसके खिलाफ सभी को आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मतभेद होना अलग बात है, लेकिन सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है।

नंदिता दास ने कहा कि आम लोगों से भारतीय होने का प्रमाण मांगा जा रहा है। दिल्ली के शाहीन बाग की तरह हर जगह विरोध हो रहा है। फिल्मी दुनिया के लोग भी पहली बार इस कानून के खिलाफ बोलने लगे हैं। सभी को बोलने का हक है। हालांकि नंदिता दास नसरूद्दीन शाह और अनुपम खेर के बीच बयानबाजी को सवाल से किनारा कर गयीं। उन्होंन कहा कि मुझे बोलने की आजादी है, लिहाजा मैं अपनी बात अवश्य कहूंगी।

नंदिता दास ने कहा कि मतभेद सभी में होते हैं लेकिन असहमति के लिए भी सहमत होना चाहिए। एक दूसरे को बुरा भला कहना या मारपीट पर उतारु होने पूरी तरह से विरोध करती हूं। किसी भी तरह की हिंसा को उचित नहीं ठहराया जा सकता।


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