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भगवान राम के आदर्शों पर चलना सभी भारतीयों का कर्तव्य है : मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश में श्रीरामनगरी अयोध्या में छठे दीपोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए भारत के जन जन की आस्था के केन्द्र श्रीराम के आदर्शोँ को कर्तव्य बोध का प्रतीक बताया

भगवान राम के आदर्शों पर चलना सभी भारतीयों का कर्तव्य है : मोदी
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अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश में श्रीरामनगरी अयोध्या में छठे दीपोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए भारत के जन जन की आस्था के केन्द्र श्रीराम के आदर्शोँ को कर्तव्य बोध का प्रतीक बताया। उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया, “राम कर्तव्य-भावना से मुख नहीं मोड़ते हैं। भगवान राम के आदर्शों पर चलना सभी भारतीयों का कर्तव्य है।

मोदी ने यहां दीपोत्सव का उद्घाटन करने से पूर्व रामकथा पार्क में भगवान राम का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही। प्रधानमंत्री मोदी ने वर्तमान परिस्थितियों में श्री राम के आदर्शों के व्यवहारिक स्वरूप की भी व्याख्या की। उन्होंने कहा, “राम किसी को पीछे नहीं छोड़ते हैं। राम कर्तव्य-भावना से मुख नहीं मोड़ते हैं। इसलिए, राम, भारत की उस भावना के प्रतीक हैं, जो मानती है कि हमारे अधिकार हमारे कर्तव्यों से स्वयं सिद्ध हो जाते हैं।”

उन्होंने कहा कि भगवान राम ने अपने वचन में, अपने विचारों में, अपने शासन में, अपने प्रशासन में जिन मूल्यों को गढ़ा, वो ‘सबका साथ-सबका विकास’ की प्रेरणा है। साथ ही भगवान राम के मूल्य ‘सबका विश्वास-सबका प्रयास’ का आधार भी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “जब श्रीराम का अभिषेक होता है, तो हमारे भीतर भगवान राम के आदर्श, मूल्य और अधिक दृढ़ हो जाते हैं।”

उन्होंने कहा कि इसी वजह से भगवान राम आज भी भारत में जन जन की आस्था के केन्द्र हैं और जनसाामान्य के जीवन में व्यवहारिक एवं अनुकरणीय हैं। मोदी ने कहा, “भगवान राम, मर्यादापुरुषोत्तम कहे जाते हैं। मर्यादा, मान रखना भी सिखाती है और मान देना भी, और मर्यादा, जिस बोध की आग्रह होती है, वो बोध कर्तव्य ही है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भगवान राम के संपूर्ण जीवन चरित्र से प्रकट हुए मूल्यों में कर्तव्य बोध काे प्रमुखता दी गयी है। इस अवसर पर उन्होंने हाल ही में अाजादी के अमृत महोत्सव पर लालकिले की प्राचीर से उनके द्वारा देशवासियों से किये गये आह्वान का भी स्मरण कराया। मोदी ने कहा, “लाल किले से मैंने सभी देशवासियों से पंच प्राणों को आत्मसात करने का आह्वान किया है। इन पंच प्रांणों की ऊर्जा जिस एक तत्व से जुड़ी है, वो है भारत के नागरिकों का कर्तव्य। आज अयोध्या नगरी में, दीपोत्सव के इस पावन अवसर पर हमें अपने इस संकल्प को दोहराना है, हमें श्रीराम से सीखना है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास व्यक्ति किया कि आजादी के अमृतकाल में भगवान राम जैसी संकल्प शक्ति, देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगी। मोदी ने कहा कि आज़ादी के अमृतकाल के मौके पर उन्होंने देशवासियों से अपनी विरासत पर गर्व करने और गुलामी की मानसिकता से मुक्ति का आह्वान किया था। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने हमारी आस्था के स्थानों के गौरव को पुनर्जीवित किया है। हमने भारत के तीर्थों के विकास की एक समग्र सोच को सामने रखा है।

बीते आठ साल में हमने अपनी अस्मिता के प्रतीक चिन्हों का पुनरुद्धार कर देश ने हीन भावना की बेड़ियों को तोड़ा है। उन्हाेंने पिछली सरकारों पर देश की सनातन संस्कृति को उपेक्षित रखने और देशवासियाें को भारतीयता के प्रति हीन भावना से भरने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “एक समय था, जजब राम के बारे में, हमारी संस्कृति और सभ्यता के बारे में बात करने तक से बचा जाता था। इसी देश में राम के अस्तित्व पर भी प्रश्नचिन्ह लगाये जाते थे। बीते आठ वर्षों में देश ने हीनभावना की इन बेड़ियों को तोड़ा है। हमने भारत के तीर्थों के विकास की एक समग्र सोच को सामने रखा है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब राष्ट्रनिर्माण का संकल्प होता है, नागरिकों में देश के लिये सेवाभाव होता है, तब भी राष्ट्र विकास की असीम ऊचाईयों को छूता है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने देश की आस्था के स्थानों के गौरव को पुनर्जीवित किया है। मोदी ने कहा, “हमने राम मंदिर और काशी विश्वनाथ धाम से लेकर केदारनाथ ओर महाकााल महालोक तक, घनघोर उपेक्षा के शिकार हमारी आस्था के स्थानों के गौरव को पुनर्जीवित किया है।” इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल अानंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यममंत्री केशव प्रसाद मौर्य तथा बृजेश पाठक सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे। इससे पहले जनसमूह को संबोधित करते हुए योगी ने भी पिछली सरकारों पर कुत्सित राजनीति के वशीभूत होकर देश में अयोध्या सहित आस्था के अन्य स्थानों को उपेक्षित रखने और वीरान बनाने का आरोप लगाया।

योगी ने कहा कि अयोध्या को कुछ लोगों ने कुत्सित राजनीति के लिए वीरान बना दिया था। जिस अयोध्या के लिए राम ने स्वयं इस बात को कहा हो कि ‘जन्मभूमि मम पुरी सुहावनि, उत्तर दिसि बह सरजू पावनि’ , आखिर वह अयोध्या कैसे वीरान हो सकती थी।

इससे पहले अयोध्या पहुंचने पर साकेत महाविद्यालय स्थित हेलीपेड पर प्रदेश की राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी की अगवानी कर उनका स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने यहां स्थित श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला की पूजा अर्चना की। इस दाैरान उन्होंने भव्य राममंदिर केे निर्माण कार्य का स्थलीय निरीक्षण भी किया।


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