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निजी क्षेत्र के बिना सभी को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना संभव नहीं: राजनाथ सिंह

राजनाथ ने कहा कि निजी क्षेत्र की भागीदारी के बिना सभी को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना संभव नहीं है और इसीलिए सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजी क्षेत्र को महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में देखती है

निजी क्षेत्र के बिना सभी को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना संभव नहीं: राजनाथ सिंह
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नयी दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि निजी क्षेत्र की भागीदारी के बिना सभी को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना संभव नहीं है और इसीलिए सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजी क्षेत्र को महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में देखती है।

सिंह ने यहां सर गंगाराम अस्पताल के 127 वें स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि सवा सौ करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना बड़ी चुनौती है। देश में डाक्टर और रोगी का अनुपात कम है और यदि हम स्वास्थ्य पर खर्च की बात करते हैं तो यह सकल घरेलू उत्पाद का केवल 1.16 फीसदी है। सरकार इसे बढ़ाने में लगी है और इसे कम से कम 2.5 फीसदी किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की भागीदारी के बिना सभी को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराना असंभव है। स्वास्थय बीमा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “ आप इस बात से सहमत होंगे कि लोगों को किफायती स्वास्थ्य सुविधा के साथ- साथ स्वास्थ्य बीमा की सुविधा भी मिलनी चाहिए। ये दोनों चीजेें सुनिश्चित करने के लिए हमें स्वास्थ्य क्षेत्र में भारी निवेश की जरूरत है। यह निजी क्षेत्र के सक्रिय योगदान से ही हो सकता है। हम स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजी क्षेत्र को महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में देखते हैं। ”

गृह मंत्री ने कहा कि देश में आय में भारी असमानता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीब और जरूरतमंदों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की है। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना है जिसमें 10 करोड़ गरीब परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थियों )को अस्पताल में इलाज के लिए प्रति परविार हर साल पांच लाख रूपये का चिकित्सा बीमा मिलेगा।
साफ सफाई को अच्छे स्वास्थ्य की बुनियाद बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने इसे ध्यान में रखते हुए स्वच्छ भारत मिशन शुरू किया है। सभी को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में इसे पहले कदम के रूप में देखा जा रहा है।

गृह मंत्री ने कहा कि सरकार भारत को दुनिया भर में चिकित्सा पर्यटन के केन्द्र के रूप में विकसित करने की दिशा में काम कर रही है। इसी कड़ी में गृह मंत्रालय ने 161 देशों को ई-वीजा की सुविधा दी है और इसके तहत देश में ठहरने की अवधि 30 दिन से बढ़ाकर 60 दिन की गयी है और इस दौरान लोग तीन बार यात्रा कर सकते हैं।


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