लोकतंत्र में जवाबदेही तय करना जरूरी: सिसोदिया
दिल्ली विधानसभा में आज मनीष सिसोदिया ने आज मौजूदा वित्तीय वर्ष में योजनाओं को वांछित समूह को कितना लाभ पहुंचा, कैसा ढांचा बनाया जाए ताकि योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ पहुंचे व बजट पर संबंधित आंकड़े मिलें

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में आज मनीष सिसोदिया ने आज मौजूदा वित्तीय वर्ष में योजनाओं को वांछित समूह को कितना लाभ पहुंचा, कैसा ढांचा बनाया जाए ताकि योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ पहुंचे व बजट पर संबंधित आंकड़े मिलें इसके लिए आउटकम बजट प्रस्तुत किया।
उन्होंने कुल 14 विभागों के आंकड़े पेश करते हुए माना कि 70 प्रतिशत काम हुआ है तो योजना ऑन ट्रैक है वरना ऑफ ट्रैक है। इसमें शिक्षा विभाग में 153 कुल आउटकम इंडिकेटर थे जिसमें 27 योजनाएं शामिल की गई और इसका ऑन ट्रैक इंडिकेटर 74 प्रतिशत है, ऑफ ट्रैक 13 और 13 प्रतिशत में लागू नहीं होता।
उन्होंने बताया कि अप्रैल से दिसम्बर तक नौ माह के कामकाज की समीक्षा में आउटपुट इंडीकेटर्स जिसमें योजनाओं को जमीन पर लागू करने के लिए कैसे ढांचे की जरूरत है को आंका गया तो आउटकम इंडीकेटर्स में सीधे योजनाओं के लाभ की जानकारी जुटाई गई। इसमें पता चला कि 156 में से 155 स्कूलों में नर्सरी शिक्षा शुरू हो सकी, 80 फीसदी सीटें भरनी थी लेकिन 60 प्रतिशत भरी गईं, हैप्पीनेस पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है।
तो वहीं 250 की जगह 359 लैब शुरू की जो लक्ष्य से अधिक रहीं। शिक्षकों को प्रशिक्षण देने में भी लक्ष्य से ज्यादा रहा, उच्च शिक्षा में 71 प्रतिशत योजनाएं ऑन ट्रैक, जिसमें 8603 स्टूडेंट कॉलिज में एडमिट हुए ये संख्या पहले 7392 थी।
तकनीकि शिक्षा में 89 प्रतिशत योजनाएं ऑन ट्रैक हैं वहीं स्वास्थ्य क्षेत्र में 486 ऑन ट्रैक इंडिकेटर्स थे और यह बताते हैं कि दो करोड़ लोगों ने 32 अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लिया और 32 लाख लोगों ने 160 मोहल्ला क्लिनिक में सेवाएं ली। समाज कल्याण विभाग में 69 प्रतिशत ऑनट्रैक योजनाओं का परिणाम मिला, महिला एवं बाल विकास विभाग में दो लाख परेशान महिला को आर्थिक मदद मिली, जो कि पिछले साल 1.77 लाख थी। उन्होंने अनुसूचित जाति, जनजाति विभाग की योजनाओं को पिछड़ते हुए बताया और कहा कि 45 प्रतिशत ऑनट्रैक दर्ज हुई हैं।
परिवहन क्षेत्र में बसों में यात्रियों की संख्या 40 लाख से 41.90 लाख हो गई जबकि मेट्रो का किराया बढ़ने से यात्री घटकर 28 लाख से 25.75 लाख हो गए। सरकार ने जनसुविधाओं में काम किया और शहरी विकास विभाग, डूसिब के परिणाम बेहतर हैं। दिल्ली जल बोर्ड के 1209 अनधिकृत कालोनियों पानी की पाइप लाइन बिछाई हैं। पर्यावरण विभाग में 15 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग यूनिट शुरू की जबकि लक्ष्य 20 का था। मनीष सिसोदिया ने बताया कि यह प्रक्रिया जिम्मेदारी तय करती है। इसका परिणाम है कि प्रदूषण फैलाने वाले 56 औद्योगिक संयंत्र बंद करने की बात आई और जब पूछा कि कितने हुए तो पता चला कि इसका रिकार्ड पर्यावरण विभाग नहीं कोई और रखता है।
तुरतं तय किया कि पर्यावरण विभाग यह रिकार्ड रखे और ईकाई के बंद होने को सुनिश्चित करे। आउटकम बजट से ऐसी योजनाओं की पहचान होती जिन्हें नए सिरे से शुरू किया जा सके। सरकारी स्कूलों में कुपोषण की दर 35 प्रतिशत है यह पता चलते ही ज्ञात हुआ कि स्कूल में तीन साल में स्वास्थ्य जांच होती है। इस पर सरकार ने तय किया कि 350 स्कूलों में क्लीनिक खोले जाएं जो वार्षिक जांच करेंगे। मोहल्ला क्लीनिक अब यहां खोलने की योजना है।
इससे भरोसेमंद आंकड़ों को जुटाने की प्रक्रिया शुरू हुई क्योंकि जल बोर्ड का पानी व्यर्थ जाता है लेकिन कालोनी स्तर पर पाईप से कहां कितनी लीकेज है इस पर काम शुरू किया है। आंकड़ों को जुटाने पर बेहतर प्रक्रिया बना रहे हैं।
हमारी सरकार का बजट को शतप्रतिशत सुधार में लगा रही है। योजना विभाग ऐसी ऐप्लीकेशन बना रहा है जिससे आंकड़ों की सही जानकारी समेटी जा सके। यह ऐप भी बनाने व समीक्षा, निगरानी करने वाली यूनिट स्थापित करने में हम विफल रहे हैं यह हमें इसी साल बनानी थी लेकिन अब बन रही है।
मंत्रियों से जनता पूछती ही है आउटकम बजट में अधिकारियों की जिम्मेदारी के साथ साथ उपराज्यपाल भी रिकार्ड पर आना चाहिए। देरी के कारण उनके पक्ष पर होती है वह भी सामने आना चाहिए। लोकतंत्र में जवाबदेही तय करना जरूरी है।


