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संसदीय बहस एवं चर्चा की गुणवत्ता बढ़ाना जरूरी : खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकतंत्र की मजबूती के लिए संसद में बहस और चर्चा की गुणवत्ता बढ़ाने को जरूरी बताते हुए कहा है कि सहिष्णुता और स्वस्थ विचार विमर्श से लोकतंत्र को और मजबूत किया जा सकता है

संसदीय बहस एवं चर्चा की गुणवत्ता बढ़ाना जरूरी : खड़गे
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मुंबई/नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकतंत्र की मजबूती के लिए संसद में बहस और चर्चा की गुणवत्ता बढ़ाने को जरूरी बताते हुए कहा है कि सहिष्णुता और स्वस्थ विचार विमर्श से लोकतंत्र को और मजबूत किया जा सकता है।

श्री खड़गे ने मुंबई में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन के लिए भेजें अपने संदेश में कहा कि इस तरह के आयोजन को लोकतंत्र के लिए विशेष अवसर बताया और कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से देशभर के जनप्रतिनिधियों को एक साझा प्लेटफार्म मिलता है जहां वे अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं।

संसदीय बहसों और चर्चाओं की गुणवत्ता और मानकों को बढ़ाने को अत्यंत आवश्यक बताते हुए उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को लोकतंत्र की चौपाल में जनता की आवाज निडर होकर उठानी चाहिए और उस पर स्वस्थ तरीके से विचार-विमर्श भी किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमें ऐसे माहौल को बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए कि विचारों पर स्वस्थ बहस हो और हमारे विधायकों का सामूहिक ज्ञान हमारी नीतियों और कानूनों को जन भावना के अनुरूप आकार दे। विधायिका लोकतंत्र की आधारशिला है और उसे ही सुनिश्चित करना है कि कार्यपालिका नागरिकों के प्रति जवाबदेह बनी रहे।

कांग्रेस अध्यक्ष ने नागरिकों के हितों की रक्षा के वास्ते जांच और संतुलन की मजबूत व्यवस्था को जरूरी बताया और कहा कि यह व्यवस्था करना विधायकों की जिम्मेदारी है। उनका कहना था कि अपने लंबे राजनीतिक जीवन के अनुभव पर वह कह सकते हैं कि इस कार्य का निष्पादन अत्यंत परिश्रमसाध्य लेकिन महत्वपूर्ण है इसलिए हम सबको यह याद रखना ज़रूरी है कि लोकतंत्र केवल स्वस्थ बहस, विचार-विमर्श और चर्चा के माध्यम से ही कार्य कर सकता है।

श्री खडगे ने लोकतंत्र की मजबूती के संबंध में अपने संदेश में पंडित नेहरू को उद्धृत करते हुए कहा,“लोकतंत्र का अर्थ सहिष्णुता है। सहिष्णुता न केवल उन लोगों के लिए है जो हमसे सहमत हैं बल्कि उन लोगों के लिए भी हैं जो हमसे सहमत नहीं हैं।”

उन्होंने कहा,“मेरा मानना है कि इस तरह के सम्मेलन विधायकों को सहयोग करने, एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने और हमारे राष्ट्र की प्रगति और भलाई में योगदान करने के लिए आवश्यक हैं।”


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