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नए साल से बंगाल में सभी सरकारी कार्यक्रमों में 'राजकीय गीत' गाना अनिवार्य

पश्चिम बंगाल सरकार ने रविवार को एक अधिसूचना जारी कर नए साल से सभी राज्य सरकार के कार्यक्रमों में 'राज्य गीत' गाना अनिवार्य कर दिया है

नए साल से बंगाल में सभी सरकारी कार्यक्रमों में राजकीय गीत गाना अनिवार्य
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने रविवार को एक अधिसूचना जारी कर नए साल से सभी राज्य सरकार के कार्यक्रमों में 'राज्य गीत' गाना अनिवार्य कर दिया है।

राज्य के निवर्तमान मुख्य सचिव एच.के. द्विवेदी द्वारा जारी अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों को हर साल पोइला बोइशाख (बंगाली नव वर्ष दिवस) के अवसर पर राज्यत्व दिवस का आयोजन करना होगा।

अधिसूचना के अनुसार, राज्य सरकार के किसी भी कार्यक्रम से पहले गाया या ट्यून किया जाने वाला गाना अनिवार्य रूप से एक मिनट 59 सेकंड की अवधि का होना चाहिए। हालाँकि, राज्य सरकार का कोई भी कार्यक्रम राष्ट्रीय गीत के साथ समाप्त होगा।

अधिसूचना के अनुसार, इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों को गाने के गायन या वादन के समय खड़े रहना होगा।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में इस साल 6 सितंबर को पोइला बोइशाख (बंगाली नव वर्ष दिवस) को पश्चिम बंगाल का राज्य दिवस घोषित करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया था।

उसी समय, यह भी निर्णय लिया गया कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखित प्रसिद्ध गीत बांग्लार माटी, बांग्लार जोल (बंगाल की मिट्टी, बंगाल का पानी) राष्ट्रीय गीत की तर्ज पर राज्य गीत होगा।

हालाँकि, भाजपा पोइला बोइशाख (बंगाली नव वर्ष दिवस) को पश्चिम बंगाल के लिए राज्य दिवस घोषित करने का विरोध कर रही है।

विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने तब कहा था, “पोइला बोइशाख को राज्य दिवस घोषित करने का कोई वैज्ञानिक औचित्य नहीं है। इसलिए इस प्रस्ताव का हश्र वैसा ही होगा जैसा राज्य सरकार द्वारा राज्य का नाम बदलने या विधान परिषद के गठन जैसे मुद्दों पर या राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल के स्थान पर मुख्यमंत्री को नियुक्त करने से संबंधित प्रस्तावों का हुआ था।


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