लगान माफी एवं 200 दिन रोजगार देने की बात सिर्फ छलावा : धनेन्द्र
अभनपुर विधायक धनेन्द्र साहू ने चर्चा करते हुए बताया कि प्रदेश सरकार के द्वारा इस वर्ष 96 तहसीलों को सूखा घोषित किया गया है
नवापारा-राजिम। अभनपुर विधायक धनेन्द्र साहू ने चर्चा करते हुए बताया कि प्रदेश सरकार के द्वारा इस वर्ष 96 तहसीलों को सूखा घोषित किया गया है और छत्तीसगढ़ मंत्री मंडल द्वारा निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के किसानो एवं मजदूरो को सूखा घोषित इलाकों में राहत देने के नाम पर लगान माफ किया जावेगा।
सरकार 100 दिन के बदले मे 200 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। श्रीसाहू ने कहा कि सूखा प्रभावित इन तहसीलों को शासन द्वारा सूखा घोषित करने का स्वागत है, परन्तु जो राहत के रूप में लगान माफी एवं 200 दिन रोजगार देने की बात कही है वह एकमात्र छलावा है।
लगान प्रति एकड़ मात्र 1 रूपया होता है इससे किसानो को क्या राहत होगी। कृषि लगान के साथ-साथ समस्त सिंचाई करों को भी पूरा माफ किया जाना चाहिए। सिंचाई पम्पों को पूरी तरह नि:शुल्क विद्युत आपूर्ति की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मनरेगा में 200 दिन मजदूरी देने की बाद भी पूरी तरह छलावा है क्योकि पिछले वर्ष प्रदेश में अकाल के स्थिति के बावजूद भी शासन के अकर्मण्यता के कारण औसत मात्र 32 दिनों का रोजगार लोगो को प्राप्त हुआ है।
उसमें भी अभी तक मजदूरो की भुगतान नही किया गया है। लोग मजदूरी के लिए भटक रहे है। अभी शासन के द्वारा बची हुई फसल को उपलब्ध जल संसाधनो से पानी को बिना बर्बादी के फसल बचाने हेतु किसानो तक युध्द स्तर तक पहुंचाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
विधायक श्री साहू ने कहा कि किसानो को अगामी रबी फसल के लिए बीज नि:शुल्क दिए जाने की निर्णय लिया जाना चाहिए तथा फसल क्षति का आंकलन सभी खेतो में अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए। किसानों के साथ भेदभावपूर्वक फसल क्षति का आंकलन नहीं किया जाना चाहिए।
सभी पीड़ित किसानो को फसल क्षति का मुआवजा दिया जाना सुनिश्चित किया जावे। शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि आगामी रबी फसल में धान की फसल के लिए किसान अपने निजी विद्युत पंपो से पानी नही ले सकेगें। जो कि अत्यंत ही अनुचित है और किसान विरोधी निर्णय है। इसे तुरन्त ही वापस लिया जाना चाहिए।


