छठ के दूसरे दिन खरना करने की है परम्परा
बिहार में लोकआस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ के आज दूसरे दिन राजधानी पटना समेत राज्य के विभिन्न इलाकों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा समेत अन्य नदियों और तालाबों में स्नान किया।

पटना । बिहार में लोकआस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ के आज दूसरे दिन राजधानी पटना समेत राज्य के विभिन्न इलाकों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा समेत अन्य नदियों और तालाबों में स्नान किया।
मां गंगे के तट पर बसे पटना शहर की बात ही निराली है। छठ की छटा पूरी राजधानी में छाई हुयी है। घर से लेकर घाट तक, गलियों से लेकर सड़कों तक... हर तरफ आकर्षक सजावट दिख रही है। घाटों पर व्यवस्था दुरुस्त कर दी गई है। घाटों पर और आने-जाने के रास्ते पर जहां रंग-बिरंगे एलईडी बल्बों से आकर्षक सजावट के साथ-साथ रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की गई है वहीं सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। व्रतियों की सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा गया है।
दानापुर से लेकर पटना सिटी के सभी घाट एवं तालाब छठ पूजा के लिए तैयार हैं। इसके अलावा विभिन्न जगहों पर स्वयंसेवी संगठनों और स्थानीय लोगों की मदद से गड्ढे बनाकर उन्हें अर्घ्य देने की व्यवस्था की गयी है। गंगा नदी के सुरक्षित घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए रोशनी, शौचालय,चेंजिंग रूम, नियंत्रण कक्ष और वाच टावर बनाये गये हैं जबकि सभी खतरनाक घाटों पर लोगों को नदी में उतरने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग करने के साथ ही यहां पूजा करने पर रोक लगा दी गई है।
गंगा नदी में आज सुबह स्नान करने के बाद व्रती समेत उनके परिवार के सदस्य गंगाजल लेकर अपने घर लौटे और पूजा की तैयारी में जुट गये हैं। व्रत का आज दूसरा दिन है इस दिन खरना व्रत की परंपरा निभाई जाती है, जो कार्तिक शुक्ल की पंचमी तिथि होती है। ऐसी मान्यता है कि खरना के दिन यदि किसी भी तरह की आवाज हो तो व्रती खाना वहीं छोड़ देते हैं। इसलिए, इस दिन लोग यह ध्यान रखते हैं कि व्रती के प्रसाद ग्रहण करने के समय आसपास शोर-शराबा ना हो।


