केंद्र राफेल सौदे पर एमओएम जारी करे : कांग्रेस
कांग्रेस ने रविवार को मांग की कि केंद्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बीच हुई राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर हुई बैठक के मिनट (एमओएम) जारी करे

नई दिल्ली। कांग्रेस ने रविवार को मांग की कि केंद्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बीच हुई राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर हुई बैठक के मिनट (एमओएम) जारी करे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, "भारतीय प्रधानमंत्री और फ्रांस के राष्ट्रपति के संयुक्त बयान के मसौदे में राफेल सौदे का कोई जिक्र नहीं है। हम चाहते हैं कि सरकार दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक के मिनट सार्वजनिक करे।"
उन्होंने सवाल किया, "आखिर इसमें छिपाने को क्या है?"
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री को राफेल सौदे पर एक खुली बहस के लिए भी आमंत्रित किया।
उन्होंने कहा, "यदि कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है, तो सरकार को एमओएम जारी करना चाहिए। ऐसा न करने से यह स्पष्ट होता है कि प्रधानमंत्री कुछ छिपा रहे हैं और वह भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने पहले ही कह दिया है कि भारत सरकार ने एक साझेदार की सिफारिश की थी।"
राफेल पर गोपनीयता के नकाब पर सवाल करते हुए शर्मा ने कहा कि दो देशों के बीच कोई संयुक्त बयान आमतौर पर पहले ही तय और तैयार कर लिया जाता है।
उन्होंने कहा, "..और यदि उड़ाने की स्थिति में राफेल लड़ाकू विमान को खरीदने की चर्चा हुई थी, तो संयुक्त बयान में इसे शामिल क्यों नहीं किया गया। प्रधानमंत्री को सौदे पर चुप नहीं रहना चाहिए।"
उन्होंने भारतीय वायुसेना, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और राफेल विनिर्माता दसॉ के शीर्ष अधिकारियों के बीच बैठक के विवरण भी साझा किए।
शर्मा ने कहा, "एचएएल से कॉन्ट्रैक्ट छीना गया, जबकि दसॉ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर सहमत हुआ था। इसके बदले 36 विमानों के लिए एक सौदा किया गया और एचएएल को उससे बाहर कर दिया गया।"


