आईएसएस की पहली यूरोपीय महिला कमांडर से प्रेरणा ले रही हैं लड़कियां
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहली यूरोपीय महिला कमांडर समैंथा क्रिस्टोफोरेटी युवा लड़कियों को प्रेरणा दे रही हैं.

इतालवी अंतरिक्ष यात्री समैंथा क्रिस्टोफोरेटी हाल ही में आईएसएस की कमान संभालने वाली पहली यूरोपीय महिला अंतरिक्ष यात्री बनीं. अपनी हमशक्ल बार्बी के साथ स्पेससूट पहने, शून्य गुरुत्वाकर्षण में तैरते हुए उन्होंने आठ से 11 साल की उम्र की पांच लड़कियों के साथ बातचीत में आईएसएस में हो रहे कुछ प्रयोगों के बारे में बताया.
क्रिस्टोफोरेटी ने बताया कि वो अंतरिक्ष यात्री इसलिए बनीं क्योंकि बचपन में रात के समय आकाश, अंतरिक्ष में उड़ने का ख्याल और रोमांचक और खोजी काम करना उन्हें आकर्षित करता था. उन्होंने बताया, "और फिर मुझे विज्ञान और प्रौद्योगिकी में दिलचस्पी हो गई, मुझे उड़ना बहुत पसंद था, तो मैं पायलट बन गई. अंतरिक्ष यात्री बन कर मेरे वो सभी शौक और रुचियां एक साथ आ गईं."
45 साल की क्रिस्टोफोरेटी इतालवी वायु सेना की पूर्व पायलट हैं. वो अप्रैल से आईएसएस पर हैं और कुछ ही दिनों पहले उसकी कमांडर बनाई गईं. उन्हें 10 अक्टूबर को पृथ्वी पर वापस आना है. आईएसएस पर यह उनकी दूसरी यात्रा है. 2014 से 2015 के बीच उन्होंने आईएसएस में 199 दिन बिताए थे और किसी महिला द्वारा अंतरिक्ष में सबसे लंबे प्रवास का रिकॉर्ड बनाया था.
एसटीईएम में करियर शुरू करने की प्रेरणा
2002 में कमांडर का पद बनाए जाने के बाद वो पद पर आसीन होने वाली पांचवीं महिला और पहली गैर-अमेरिकी महिला हैं. बार्बी बनाने वाली कंपनी मैटल ने 2019 में उनकी हमशक्ल गुड़िया बनाई और 2021 में उसे बाजार में उतारा. कंपनी ने इस बार्बी की बिक्री से हुए मुनाफे में से कुछ हिस्सा 'वीमेन इन ऐरोस्पेस यूरोप' नाम की धर्मार्थ संस्था को दान दे दिया.
युवा लड़कियों के साथ उनकी बातचीत का आयोजन 'इंस्पायरिंग गर्ल्स इंटरनैशनल' नाम की धर्मार्थ संस्था ने किया था जो लड़कियों को अंतरराष्ट्रीय रोल मॉडलों से रुबरु कराती है. क्रिस्टोफोरेटी के साथ वीडियो पर बातचीत एक प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसके तहत युवा लड़कियों को एसटीईएम - यानी विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी और गणित- के क्षेत्रों में करियर शुरू करने की प्रेरणा दी जाती है.
स्पेससूट पहने पहली बार्बी 1965 में बनाई गई थी. इस बार्बी को 1960 के दशक के मर्क्युरी कार्यक्रम के अंतरिक्ष यात्रियों के सूट पहने दिखाया गया था. इस कार्यक्रम के तहत पहली बार अमेरिका ने अंतरिक्ष में अपने अंतरिक्ष यात्री भेजे थे और इसी ने भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों का रास्ता खोला था.


