Top
Begin typing your search above and press return to search.

इसरो 12 शहरों में इन्क्यूबेशन सेंटर और रिसर्च सेंटर स्थापित करेगा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (इसरो) अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में युवाओं को जोडने की योजना पर काम कर रहा है

इसरो 12 शहरों में इन्क्यूबेशन सेंटर और रिसर्च सेंटर स्थापित करेगा
X

गोरखपुर। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (इसरो) अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में युवाओं को जोडने की योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत 12 शहरों में छह इन्क्यूबेशन सेन्टर और छह रिसर्च सेन्टर स्थापित किये जाने की योजना है।

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के 37वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुये इसरो के अध्यक्ष के शिवन ने गुरूवार को यहां कहा कि रिसर्च सेन्टर वाराणसी,गुवाहाटी,जयपुर,कुरूक्षेत्र, पटना और कन्याकुमारी में स्थापित होंगे जबकि इन्क्यूबेशन सेंटर के लिए अगरतला,जालंधर,भुवनेश्वर,नागपुर,इंदौर और तिरूचिरापल्ली शहरों का चयन किया गया है।

उन्होंने कहा कि पिछले माह अगरतल्ला में पहले इन्क्यूबेशन सेंटर की शुरूआत हो गयी है और सभी केन्द्र अगले एक वर्ष के भीतर शुरू हो जायेंगे। बतौर मुख्य अतिथि इसरो के चेयरमैन ने कहा कि रिसर्च सेन्टर खोले जाने की योजना में गोरखपुर भी शामिल किया जायेगा हालांकि इसके लिए पहले यहां के विश्वविद्यालय को प्रस्ताव भेजना होगा। इसके अलावा छह अन्य शहरों के विश्वविद्यालयों में शोधनीठ स्थापित करने की भी योजना है।

डा शिवन ने कहा कि आम धारणा है कि इसरो की सक्रियता दक्षिण भारत में ही है ऐसे में हम पूरे देश में अपनी गतिविधियां फैलाना चाहते हैं। इन्क्यूबेशन सेंटर , अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेंत्र में शोध एवं र्स्टाट अप को बढावा देंगे। यह वहीं स्थापित किये जा रहे हैं जहां उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान हो और औद्योगिक माहौल हो।

उन्होंने कहा कि इन्क्यूबेशन सेंटर उद्योगों की मदद से स्पेस सिस्टम कंपोनेट के प्रोटोटाइप को डेपलप करने में उपयोगी साबित हाेगी और इसरो यहां विकसित होने वाले प्रोटोटाइप को आर्थिक और अकादमिक मदद उपलब्ध करायेगा। इसी तरह रिसर्च सेन्टर उन शहरों में स्थापित किये जा रहे हैं जहां शोध अध्ययन का अच्छा माहौल हो।

इसरो मुखिया ने कहा कि वर्ष 2019 तक भारत में हाई स्पीड इन्टरनेट स्पीड मुहैया कराने की दिशा में तैयारी चल रही है। इसके लिए एक सेटेलाइट लांच किया जा चुका है। अगले एक साल में तीन और सेटलाइट लांच किये जाने की योजना है। हाइस्पीड इन्टरनेट का सबसे पहले लाभ रिमोट एरिया , बार्डर एरिया और सेना को मिलेगा।

डा. शिवन ने कहा “ हम मानव क्रू माडयूल और पर्यावरण नियंत्रण तथा जान बचाने की प्रणाली जैसी प्रौद्योगिकी पहले ही विकसित कर चुके हैं। गगनयान भेजने के पहले हम दो मानव रहित मिशन को अंजाम देंगे। इससे 2022 में पहले भारतीय आंतरिक्ष में स्वदेशी गगनयान से पहुंचेगा वहीं चंद्रयान 2 के बारे में बताया कि यह महत्वाकांक्षी मिशन अगने साल जनवरी में लांच होगा और इस लांच के साथ भारत चांद पर पहुंचने वाला चैथा देश बन जायेगा। ”

दीक्षांत समारोह में उन्होनें विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा “ मैने जीवन मे जब जब जो जो चाहा उसकी बजाय कुछ और मिला इसीलिए मैं इस नतीजे पर पहुंचा कि जब आपकों कोई चीज नहीं मिलती जो इसका मतलब यही है कि कोई बडी चीज आपको मिलने वाली है। ”

उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए तीन चीजे है जो जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। उन्होंने कहा कि पहला अपने डर पर विजय प्राप्त करना, दूसरा निर्धारित जोखिम उठाना और तीसरा ऐसी विचारधारा जो नवोन्मेष हो। उन्होंने कहा कि नयी ऊंचाइयों व सफलता को पाने के लिए नवाचार व सकरात्मक सोच का होना आवश्यक है।

इस समय हम जिन खेजों अविष्कारों व लाभों का उपयोग कर रहे हैं वे सभी नवोचार और किसी बिन्दु पर हुयी आकस्मिक खोजों का परिणाम है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it