Top
Begin typing your search above and press return to search.

आईएसएएल का मकसद देश को एकता के सूत्र में पिरोना है: वसीम रिजवी

शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश के चेयरमैन वसीम रिजवी ने साफ किया है कि इंडियन शिया अवामी लीग (आईएसएएल) के गठन का मकसद किसी खास वर्ग की नुमाइंदगी नहीं बल्कि देश को एकता के सूत्र में पिरोना है

आईएसएएल का मकसद देश को एकता के सूत्र में पिरोना है: वसीम रिजवी
X

लखनऊ। शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश के चेयरमैन वसीम रिजवी ने साफ किया है कि इंडियन शिया अवामी लीग (आईएसएएल) के गठन का मकसद किसी खास वर्ग की नुमाइंदगी नहीं बल्कि देश को एकता के सूत्र में पिरोना है।

रिजवी ने कहा कि उनकी पार्टी में सभी धर्माे के मानने वालों का स्वागत है। वास्तव में शिया शब्द का अरबी भाषा में अर्थ दोस्त के होता है और उनकी नजर में सभी भारतवासी अापस में गहरे दोस्त हैं।

कार्यकारणी में सभी महत्वपूर्ण पदों पर शिया समुदाय के प्रतिनिधित्व होने के सवाल पर उन्होने बताया कि उनके कई जिलाध्यक्ष सुन्नी संप्रदाय के भी है। जल्द ही कई महत्वपूर्ण पदों पर सुन्नी संप्रदाय के साथ-साथ हिंदुओं के पिछड़े और वंचित समुदाये के लोगों को भी स्थान दिया जायेगा।

उन्होने दावा किया कि उनकी पार्टी भारत के सभी शोषित वंचित समुदायों की लड़ाई लड़ेगी। इंड़ियन शिया अवामी लीग आगामी लोक सभा चुनाव में भी भाग लेगी।

इस बीच लखनऊ शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने इंड़ियन शिया अवामी लीग के गठन पर कहा कि भारत में शिया गिनती के एतबार से इस हालत में नहीं है कि वे अपना पृथक राजनैतिक दल बनाकर जीत हासिल कर सकें । मौलाना ने कहा भारत का इतिहास इस बात का गवाह है जब भी कोई धर्म या संप्रदाय आधारित राजनैतिक दल बनाया गया तब-तब भारत का नुकसान हुआ है।
दूसरी तरफ लखनऊ ऐशबाग ईदगाह के ईमाम मौलाना खालिद रशीद फिरगं महली ने कहा कि भारत में सांप्रदायिक राजनीति की कोई गुजांइश नहीं है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है ये ऐसे राजनैतिक दल कभी कामयाब नहीं हो सकते।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it