पाकिस्तान 19 वर्षों के बाद जनगणना करेगा
इस्लामाबाद ! पाकिस्तान की तेजी से बढ़ती जा रही आबादी काे देखते हुए सरकार 19 वर्षों के बाद जनगणना कर रही है। हालांकि इससे राजनीतिक दल काफी भयभीत है

इस्लामाबाद ! पाकिस्तान की तेजी से बढ़ती जा रही आबादी काे देखते हुए सरकार 19 वर्षों के बाद जनगणना कर रही है। हालांकि इससे राजनीतिक दल काफी भयभीत है कि कहीं आबादी के आंकडे के आधार पर उनके क्षेत्रोें का परिसीमन न हो जाए।
पाकिस्तान की 60 प्रतिशत आबादी इस समय 30 वर्ष से कम अायु की है अौर एेसे में ये बदलाव काफी महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
विश्व बैंक ने वर्ष 2015 में पाकिस्तान की आबादी 18़ 89 करोड़ होने का अनुमान व्यक्त किया था मगर सरकार अभी भी 1998 के आधिकारिक आंकड़ों 13़ 47 करोड़ आबादी का ही इस्तेमाल करती है। वर्ष 1951 में पाकिस्तान की आबादी 3़ 38 करोड़ थी और इसमें जोरदार इजाफा होता जा रहा है।
मुख्य जनगणना आयुक्त आसिफ बाजवा ने आज पत्रकारों को बताया कि इस काम में सेना की मदद ली जाएगी आैर जनगणना करने वाले प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी के साथ सैन्य कर्मी होंगे ताकि प्रभावशाली व्यक्ति उन्हें डरा धमका कर गलत जानकारी एकत्र करने को मजबूर न करें।
पाकिस्तान में संसद की सीटों का निर्धारण जनसंख्या और उसके घनत्व के आधार पर होता है । चुनावी आंकड़ों को एकत्र करने से संबद्व संस्था “फ्री एंड फेयर इलेेक्शन नेटवर्क” के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शाहिद फैज ने बताया कि संसद में कुछ क्षेत्रों का जरूरत से ज्यादा प्रतिनिधित्व है और कुछ ताकतवर नेता इस बात को लेकर चिंतित है कि सही आंकड़े सामने आने से मतदान पद्वति में बदलाव होगा और प्रतिनिधित्व में भी परिवर्तन होगा।
जनगणना का काम 15 मार्च से शुरू होगा और 70 दिनों तक चलने वाले इस अभियान में दो लाख सैनिक जनगणना से जुड़े कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान करेंगें।
श्री बाजवा ने बताया कि जनगणना के पूरे कार्य की निगरानी अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक करेंगे।


